कुलगाम, 9 सितंबर . भारतीय सेना की चिन्नार कॉर्प्स ने जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में चलाए गए ‘ऑपरेशन गुड्डर’ में दो खतरनाक लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को मार गिराया है.
सेना ने इस अभियान को बड़ी सफलता करार दिया है और कहा है कि घाटी को आतंकवाद से मुक्त करने का संकल्प जारी रहेगा.
सेना की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, मारे गए आतंकवादियों की पहचान रहमान और आमिर अहमद डार के रूप में हुई है.
रहमान पाकिस्तान का नागरिक और लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय सदस्य था और आमिर अहमद डार निवासी दरमदोरा, शोपियां, जम्मू-कश्मीर था.
दोनों आतंकवादी लंबे समय से घाटी में आतंक फैलाने और युवाओं को भड़काने की साजिशों में शामिल थे.
ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के कब्जे से हथियार, गोला-बारूद और अन्य युद्ध सामग्री बरामद की है. बरामद सामान में आधुनिक राइफलें, मैगजीन, ग्रेनेड और संचार उपकरण शामिल हैं.
चिन्नार कॉर्प्स ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट में कहा, “यह ऑपरेशन दो कट्टर लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादियों के खात्मे के साथ समाप्त हुआ, जिनकी पहचान पाकिस्तानी नागरिक रहमान और शोपियां के दारमदोरा निवासी आमिर अहमद डार के रूप में हुई है. साथ ही, हथियार, गोला-बारूद और अन्य युद्ध सामग्री भी बरामद की गई है.”
सेना ने स्थानीय नागरिकों को भी सचेत किया है कि वे आतंकवादियों से दूर रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी सुरक्षा बलों को दें. सेना का मानना है कि स्थानीय लोगों के सहयोग से ही घाटी में स्थायी शांति संभव है.
29 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने Lok Sabha में ऐलान किया कि ‘ऑपरेशन महादेव’ के जरिए तीन आतंकियों को मार गिराया गया. ये सभी जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शामिल थे. उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन महादेव के जरिए आतंकी सुलेमान, अफगान और जिबरान को ढेर किया.
इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में विपक्ष को ‘ऑपरेशन महादेव’ की पूरी टाइमलाइन बताई. सदन को बताया कि इस ऑपरेशन की शुरुआत कब हुई और कैसे पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को ढेर किया गया.
गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में बताया कि 23 अप्रैल को सुरक्षा मीटिंग हुई. सबसे पहले इसमें निर्णय हुआ कि हत्यारे पाकिस्तान भागने न पाएं. इसकी हमने पुख्ता व्यवस्था की और भागने नहीं दिया.
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वीकेयू/डीएससी