अमृतसर, 1 मई . भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव ने एक और परिवार को बिछड़ने की कगार पर ला दिया है. उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले मुहम्मद शरीक अपनी दो बहनों, नबीला राज और शरमीन को लेकर अटारी-वाघा बॉर्डर पहुंचे, ताकि वे पाकिस्तान लौट सकें. लेकिन, दोनों के पास भारतीय पासपोर्ट होने के कारण उन्हें सीमा पार करने की अनुमति नहीं दी जा रही है.
नबीला और शरमीन की शादी पाकिस्तान में हुई है, एक की 18 साल पहले और दूसरी की 12 साल पहले. दोनों बहनें अपनी बीमार मां से मिलने भारत आई थीं. लेकिन, अब जब उन्हें पाकिस्तान लौटना है, तो भारतीय पासपोर्ट आड़े आ रहा है.
मुहम्मद शरीक ने बताया कि उनकी बहनों के पास भारतीय पासपोर्ट हैं, जबकि उनके बच्चों के पास पाकिस्तानी दस्तावेज हैं. ऐसे में उन्हें वापस पाकिस्तान जाने से रोका जा रहा है. अब हालात ऐसे बन गए हैं कि हमें पाकिस्तान जाना जरूरी हो गया है, लेकिन भारतीय पासपोर्ट होने के कारण हमें सीमा पार करने की इजाजत नहीं मिल रही.
नबीला और शरमीन ने बताया कि उन्हें एक दिन पहले पाकिस्तान एम्बेसी से फोन आया था, जिसमें उन्हें पाकिस्तान लौटने की अनुमति मिलने की बात कही गई थी. इस आशा के साथ वे 1 मई की सुबह अटारी बॉर्डर पहुंचीं. लेकिन वहां उन्हें बताया गया कि पाकिस्तान लौटने की निर्धारित डेडलाइन 30 अप्रैल थी, जो अब खत्म हो चुकी है. हमें नहीं मालूम था कि वापसी की सीमा 30 अप्रैल तक थी. हम सुबह से यहां इंतजार कर रहे हैं, लेकिन दोपहर हो गई है और हमें अब भी अंदर नहीं जाने दिया गया.
सीमा पर ऐसे कई परिवार हैं, जिनके कुछ सदस्य पाकिस्तान में हैं और कुछ भारत में. किसी के बच्चे उधर हैं तो मां इधर रह गई है, तो किसी की मां पाकिस्तान में है और बच्चे भारत में. वीजा और पासपोर्ट की उलझनों ने कई परिवारों को अलग कर दिया है और अटारी बॉर्डर पर खड़े इन लोगों की आंखों में सिर्फ इंतजार, चिंता और मायूसी नजर आती है. फिलहाल, नबीला और शरमीन अपने भाई के साथ बॉर्डर पर फंसी हुई हैं.
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पीएसके/एकेजे