ब्राजील में आयुर्वेद के 40 साल पूरे, दो दिवसीय थर्ड इंटरनेशनल आयुर्वेद सम्मेलन का हुआ आयोजन

New Delhi, 16 नवंबर . ब्राजील में आयुर्वेद को आए पूरे 40 साल हो गए. इस मौके पर स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र (एसवीसीसी) और कोनायुर साओ पाउलो ने ट्रेडिशनल मेडिसिन में भारत-ब्राजील सहयोग को प्रदर्शित करने वाले तीसरे अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन की मेजबानी की.

इस सम्मेलन का आयोजन 14-15 नवंबर, 2025 के बीच भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) में किया गया. दो दिवसीय कार्यक्रम में ब्राजील में आयुर्वेद के 40 वर्ष पूरे होने का स्मरण किया गया और इसमें लैटिन अमेरिका और India के एक्सपर्ट्स, डॉक्टरों, विद्वानों और छात्रों ने भाग लिया. सम्मेलन का थीम ‘आयुर्वेद में विविधता और समावेश: प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक प्राणी की देखभाल’ था.

सम्मेलन का उद्घाटन ब्राजील में India के राजदूत, दिनेश भाटिया ने किया. उन्होंने पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में India और ब्राजील के बीच बढ़ते सहयोग के बारे में बताया. उन्होंने कहा, “आयुर्वेद की वैश्विक प्रासंगिकता वैज्ञानिक अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से सुदृढ़ हो रही है. यह 17 से 19 दिसंबर 2025 तक New Delhi में आयोजित होने वाले आगामी विश्व स्वास्थ्य संगठन-आयुष मंत्रालय वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन में और भी स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त होगी.”

भारतीय राजदूत ने आयुर्वेद को आधिकारिक रूप से मान्यता देने वाले पहले दक्षिण अमेरिकी देश के रूप में ब्राजील के अग्रणी योगदान की सराहना की और ब्राजील के उपPresident गेराल्डो अल्कमिन की हाल ही में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, New Delhi की यात्रा को द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने में एक मील का पत्थर बताया.

आयुर्वेद और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एसवीसीसी की निरंतर प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए, भारतीय राजदूत दिनेश भाटिया ने ऐसी पहलों का समर्थन करने के लिए आयुष मंत्रालय की भी सराहना की.

आयुष मंत्रालय के सचिव, डॉ. (वैद्य) राजेश कोटेचा ने इस बात पर जोर दिया कि आयुर्वेद समावेशिता, करुणा और शरीर, मन एवं पर्यावरण के समग्र संतुलन का प्रतीक है.

उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा में भारत-ब्राजील की मजबूत साझेदारी का उल्‍लेख किया. यह साझेदारी संबंधित स्वास्थ्य मंत्रालयों के बीच एक समझौता ज्ञापन और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, jaipur, और ब्राजीलियाई विश्वविद्यालयों के बीच संस्थागत सहयोग के माध्यम से और मजबूत हुई है.

डॉ. कोटेचा ने पिछले चार दशकों में ब्राजील में आयुर्वेद को आगे बढ़ाने वाले शिक्षकों, रिसर्चरों और डॉक्टरों की सराहना की. उन्होंने केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव की ओर से Prime Minister नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा को आगे बढ़ाने में दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा करने की India की प्रतिबद्धता दोहराई.

केके/एएस