भागलपुर, 14 जून . भागलपुर के सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय में दो दिवसीय ‘कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना : स्वतंत्रता से अमृत काल तक ग्रामीण विकास की यात्रा’ विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार शुक्रवार को संपन्न हो गया.
इस सेमिनार में चार देशों, देश के 10 राज्यों और छह विश्वविद्यालयों के शिक्षक विद्यार्थी, उद्यमी और किसानों ने हिस्सा लिया. इस सेमिनार को मुख्यतः 8 विषयों में विभाजित किया गया था, जिनमें 18 लीड पेपर 100 मौखिक एवं पोस्टर प्रस्तुतीकरण दिए गए. इसका उद्घाटन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने किया था.
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डीआर सिंह के निर्देशन में चल रहे सेमिनार में समापन सत्र की अध्यक्षता कार्यक्रम के संयोजक डॉ. एके. साह ने की. उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए गांवों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया और बताया कि गांवों को समृद्ध और संपन्न बनाकर ही ग्रामीण क्षेत्रों का विकास कर सकते हैं. बिना कृषि के ग्रामीण विकास की बात संभव नहीं है. इस संगोष्ठी से प्राप्त सुझावों को बिहार तथा भारत सरकार को संस्तुति के लिए भेजा जाएगा.
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आयोजक समिति के सदस्यों को प्रसंशा पत्र दिए गए. सेमिनार में डॉ. प्रकाश झा, मिसिसिपी स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए ने अच्छे लीड पेपर को अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रों में प्रकाशित करने की बात कही. बेहतर प्रस्तुतीकरण के लिए प्रतिभागियों को प्रत्येक विषय में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिए गए.
प्राकृतिक संसाधन संरक्षण के विषय पर डॉ. सचिन तथा खाद्य प्रसंस्करण के लिए डॉ. प्रेम प्रकाश को प्रथम पुरस्कार दिया गया.
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एमएनपी/एबीएम