झारखंड के चाईबासा में सामूहिक बलात्कार के मामलों में दो अभियुक्तों को आखिरी सांस तक कैद, तीन को 20 से 25 साल की सजा

चाईबासा, 1 मई . झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम की जिला अदालत ने सामूहिक बलात्कार के दो अलग-अलग मुकदमों में दो अभियुक्तों को आखिरी सांस तक कैद और तीन अन्य को 20 से 25 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. सभी अभियुक्तों पर 20 से लेकर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना भी लगाया गया है. इन दोनों मुकदमों की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय की अदालत में हुई.

पहला मामला हाट गम्हरिया थाना क्षेत्र का है. पुलिस ने 22 जून 2021 को हाट गम्हरिया थाना क्षेत्र में एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के केस में दो आरोपियों सुखलाल बिरुवा उर्फ गणेश बिरुवा और मनोज बिरुवा को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा था. वैज्ञानिक साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दोनों अभियुक्तों को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई. दोनों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.

दूसरा मुकदमा जिले के चक्रधरपुर थाना क्षेत्र का है. यहां तीन साल पूर्व महिला थाने में एक बच्ची से दुष्कर्म के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. पुलिस ने केस के अनुसंधान के दौरान तीन लोगों उमेश गुड़िया उर्फ उमेश चंद्र गुड़िया, सन्नी गुड़िया एवं रेशेश बोदरा को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत किए. कुछ लोगों की गवाही भी कराई गई. सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने बचाव पक्ष की दलीलें खारिज कर दी और उमेश गुड़िया को पॉक्सो एक्ट की धारा छह के तहत दोषी करार देते हुए 25 वर्ष के कठोर कारावास एवं 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई.

अन्य दो अभियुक्तों सन्नी गुड़िया एवं रेशेश बोदरा को 20-20 वर्ष की कठोर कारावास तथा 25-25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है. सभी अभियुक्त पहले से कारावास में बंद हैं.

एसएनसी/एकेजे