टीवीके प्रमुख विजय ने डीएमके पर नीट को लेकर तमिलनाडु को गुमराह करने का लगाया आरोप

चेन्नई, 11 जनवरी . तमिल सुपरस्टार और तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के संस्थापक विजय ने डीएमके पर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को खत्म करने के झूठे वादों के साथ तमिलनाडु के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में विजय ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की आलोचना करते हुए कहा कि डीएमके नेता ने अब स्वीकार कर लिया है कि केवल केंद्र सरकार के पास ही नीट को खत्म करने का अधिकार है.

विजय ने तर्क दिया कि यह खुलासा 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान डीएमके के धोखे को दिखाता है, जब पार्टी ने सत्ता में आने पर परीक्षा को खत्म करने का वादा किया था.

उन्होंने डीएमके पर वोट हासिल करने के लिए झूठे आश्वासन देने और सत्ता में आने के बाद अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया.

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 2021 के विधानसभा चुनावों में नीट एक प्रमुख अभियान मुद्दा था और डीएमके ने दावा किया था कि वे इसे खत्म करने की योजना बना रहे हैं.

विजय ने सवाल किया, “अब डीएमके सरकार कहती है कि केवल केंद्र ही नीट रद्द कर सकता है. क्या यह उन लोगों के साथ विश्वासघात नहीं है, जिन्होंने पार्टी पर भरोसा किया और उसके वादों के आधार पर उसे वोट दिया?”

शुक्रवार को तमिलनाडु विधानसभा में सीएम स्टालिन ने कहा कि अगर केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार होती तो नीट को खत्म कर दिया जाता. हालांकि उन्होंने माना कि केवल केंद्र सरकार ही इस परीक्षा को खत्म कर सकती है.

सीएम स्टालिन ने विधानसभा को यह भी याद दिलाया कि करुणानिधि और जे. जयललिता के शासनकाल के दौरान तमिलनाडु में नीट लागू नहीं किया गया था.

उन्होंने आरोप लगाया कि यह परीक्षा एआईएडीएमके नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई थी.

इस बीच, विक्कारावंडी में विजय की सार्वजनिक रैली में 3,00,000 से अधिक लोग शामिल हुए, जो तमिलनाडु की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बात है.

कार्यक्रम के दौरान विजय ने भाजपा को अपना वैचारिक विरोधी और डीएमके को अपना राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बताया.

उन्होंने डीएमके पर एक परिवार-केंद्रित पार्टी होने का आरोप लगाया जो व्यक्तिगत लाभ के लिए “द्रविड़” पहचान का शोषण करती है, जबकि भाजपा पर “विभाजनकारी राजनीति” में शामिल होने का आरोप लगाया.

एकेएस/एकेजे