अंबिकापुर, 6 मार्च . चैंपियंस ट्रॉफी 2025 मैच के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी रमजान में एनर्जी ड्रिंक पीते हुए नजर आए थे. इसके बाद से मोहम्मद शमी को लेकर सियासी बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है. शमी कुछ मौलवियों के निशाने पर हैं. मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने शमी के एनर्जी ड्रिंक पीने पर एतराज जताते हुए कहा कि रमजान के दौरान रोजा न रखना गुनाह है.
क्रिकेटर मोहम्मद शमी के रोजा न रखने संबंधी मौलाना के बयान पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव ने कहा कि रमजान में रोजा रखा भी जाता है और नहीं भी रखा जाता है. नवरात्र होती है तो लोग व्रत रखते भी हैं और नहीं भी रखते हैं. अलग-अलग धर्म की अपनी परंपरा है. हर व्यक्ति हर चीज करेगा, ऐसी कोई बंदिश नहीं रहती है. व्रत या रोजा रखना अपनी आस्था और इच्छा पर निर्भर करता है. मेरा मानना है कि ऐसी बेबुनियादी बातों का कोई आधार नहीं है. मुझे समझ में नहीं आता कि लोग ऐसे बेबुनियाद मुद्दे क्यों उठाते हैं?
वहीं महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे ने कहा, “हम इस तरह के कट्टरपंथ के खिलाफ हैं. यह हमारे हिंदू धर्म का हिस्सा नहीं है. इस्लाम में लिखा है कि या तो आप इस्लाम स्वीकार कर लें, या फिर आपका धर्म परिवर्तन कर दिया जाएगा, या फिर आपको मार दिया जाएगा. अब मोहम्मद शमी भी खुद इसका अनुभव कर रहे हैं. हिंदू धर्म में इस तरह का कट्टरपंथ नहीं है.”
मौलाना शहाबुद्दीन ने मोहम्मद शमी के रोजा नहीं रखने पर आपत्ति जताते हुए कहा, ”इस्लाम ने रोजे को फर्ज करार दिया है और अगर कोई शख्स जानबूझकर रोजा नहीं रखता है तो वह निहायत गुनाहगार है. ऐसा ही क्रिकेटर मोहम्मद शमी ने किया है, उन्होंने रोजा नहीं रखा, जबकि रोजा रखना उनका वाजिब फर्ज है. रोजा न रखकर मोहम्मद शमी ने बहुत बड़ा गुनाह किया है, शमी शरीयत की नजर में मुजरिम हैं.”
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एकेएस/एएस