रायपुर, 17 मई . छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इतने संवेदनशील समय में जब भारत पाकिस्तान के खिलाफ अपनी स्थिति वैश्विक मंचों पर स्पष्ट करना चाहता है, सरकार को पूरे देश को एकजुट करने का प्रयास करना चाहिए, न कि राजनीतिक मतभेद को गहरा करना चाहिए.
टीएस सिंह देव ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद को उजागर करने के लिए जो विदेशी दौरे पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जा रहा है, उसमें कांग्रेस की तरफ से चार नामों का पैनल भेजा गया था, लेकिन सरकार ने उस सूची में शामिल न होने के बावजूद शशि थरूर का नाम घोषित कर दिया.
टीएस सिंह देव ने कहा, “जब सरकार ने विपक्ष से नाम मांगे, तो उन्हीं नामों को मान्यता देनी चाहिए थी. अगर आप पहले ही अपने नाम तय कर चुके थे, तो फिर नाम मांगने की जरूरत नहीं थी.”
उन्होंने 25 मई को केवल एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, “जब प्रधानमंत्री पूरे देश के होते हैं, तो इतनी संवेदनशील बैठक में केवल एनडीए के मुख्यमंत्रियों को बुलाना उचित नहीं है. यह पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण रवैया है.”
सिंह देव ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने माना कि भारत ने नूर खान एयर बेस और अन्य ठिकानों पर हमले किए, जिसकी जानकारी उन्हें पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने तड़के 2:30 बजे दी थी.
उन्होंने भारत की ओर से किए गए जवाबी हमले को “मजबूत और उचित” बताया और कहा कि उस समय पूरा देश एकजुट था, न कोई जाति थी, न कोई धर्म, न कोई दल, सबके मन में सिर्फ देशहित की भावना थी.
इसके साथ ही, सिंह देव ने मध्य प्रदेश के एक मंत्री के सैन्य अधिकारी सोफिया कुरैशी पर दिए विवादित बयान की आलोचना करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. वहीं, छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के संबंध में पांच जिलों में हुई एसीबी-ईओडब्ल्यू की छापेमारी पर उन्होंने कहा कि एजेंसियों को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए.
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डीएससी/एबीएम