ट्रंप के टैरिफ ‘चौंकाने वाले’, भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था इसकी सबसे बड़ी ताकत : लिसा कर्टिस (आईएएनएस इंटरव्यू)

New Delhi, 7 अगस्त . अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में डिप्टी-असिस्टेंट रह चुकीं, विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ लिसा कर्टिस ने Thursday को India पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने के ट्रंप के फैसले को “चौंकाने वाला” बताया और India की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की एक बड़ी ताकत बताया.

समाचार एजेंसी के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कर्टिस ने President ट्रंप द्वारा भारतीय आयातों पर घोषित 25 प्रतिशत टैरिफ पर आश्चर्य व्यक्त किया, खासकर तब जब अमेरिका के रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी चीन को रूस से तेल आयात करने के बावजूद भी ऐसे टैरिफ का सामना नहीं करना पड़ा है.

उन्होंने से कहा, “India अमेरिका का एक रणनीतिक साझेदार है. चीन एक रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी है. इसलिए, यह टैरिफ समझ से परे हैं.”

हालांकि, कर्टिस ने कहा कि टैरिफ लगाने का हालिया कदम ट्रंप के पहले कार्यकाल के दृष्टिकोण से एक बदलाव का संकेत देता है, जब नीतियां India के साथ विश्वास बनाने और सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित थे.

उन्होंने कहा, “ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान, हमने India के साथ संबंधों को मजबूत करने, विश्वास और आत्मविश्वास का निर्माण करने का एक ठोस प्रयास देखा था. यह टैरिफ निर्णय एक बिल्कुल अलग दृष्टिकोण दर्शाता है.”

कर्टिस वर्तमान में सेंटर फॉर अ न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी (सीएनएएस) में इंडो-पैसिफिक सिक्योरिटी प्रोग्राम की सीनियर फेलो और निदेशक हैं.

उन्होंने आगे कहा, “यूक्रेन संकट से पहले India रूस से शायद ही कोई तेल आयात करता था. अब रूस India के सबसे बड़े तेल आपूर्तिकर्ताओं में से एक है. अन्य आपूर्तिकर्ताओं की ओर वापस जाने से India की अर्थव्यवस्था को कोई नुकसान नहीं होगा.”

कर्टिस ने 2017 से 2021 तक President की डिप्टी-असिस्टेंस और दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की वरिष्ठ निदेशक के रूप में कार्य किया था.

एनएससी में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 2017 में President द्वारा अप्रूवड अमेरिका की दक्षिण एशिया रणनीति पर काम किया और इंडो-पैसिफिक रणनीतिक ढांचे में एक प्रमुख योगदानकर्ता रहीं, जिसमें क्वाड सिक्योरिटी कॉरपोरेशन का विस्तार भी शामिल था.

अमेरिकी टैरिफ पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “आप हर चीज को टैरिफ तक सीमित करके एक प्रभावी विदेश नीति नहीं बना सकते. रिश्ते सिर्फ व्यापार पर नहीं, बल्कि सैन्य सहयोग, Political सहयोग और रणनीतिक रूप से एक साथ आने पर आधारित होते हैं.”

कर्टिस ने कहा कि वह अगस्त के अंत में होने वाली अमेरिका और India के बीच आगामी व्यापार वार्ता में सकारात्मक परिणाम की संभावना को लेकर आशावादी हैं.

उन्होंने कहा, “हो सकता है कि हम एक समझौता कर लें, और इससे हाल के हफ्तों की कुछ बेकार की बयानबाजी को कम करने में मदद मिलेगी.”

मौजूदा तनावों के बावजूद, कर्टिस ने India की आर्थिक मजबूती और वैश्विक मंच पर उसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर भरोसा जताया.

उन्होंने कहा, “India को अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी से बहुत फायदा होता है और वह इस रिश्ते को बनाए रखने और मजबूत करने के तरीके तलाशेगा.”

एबीएस/