रियाद, 18 फरवरी . अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो सऊदी अधिकारियों से बातचीत के लिए रियाद पहुंचे. इस बैठक का मुख्य विषय गाजा को लेकर अमेरिका का एक विवादित प्रस्ताव था. यह रुबियो की बतौर अमेरिका के शीर्ष राजनयिक पहली मध्य पूर्व यात्रा है.
रुबियो की यह यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रस्ताव के बाद हुई, जिसमें उन्होंने गाजा पर नियंत्रण करने और वहां से लाखों फिलिस्तीनियों को स्थानांतरित करने की बात कही थी.
सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि रूबियो ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने गाजा को लेकर एक ऐसे समाधान पर जोर दिया जो क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करे.
सऊदी की सरकारी समाचार एजेंसी (एसपीए) के अनुसार, दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की और क्षेत्र में शांति व स्थिरता के प्रयासों पर विचार किया.
एसपीए की रिपोर्ट के अनुसार, रुबियो ने सऊदी विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल सऊद से भी मुलाकात की. इस बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय हालात पर चर्चा हुई.
अमेरिकी समाचार एजेंसियों के अनुसार, रुबियो की यात्रा का मुख्य उद्देश्य ट्रंप के गाजा पुनर्वास प्रस्ताव को बढ़ावा देना था, जिसे कई अरब देशों ने कड़ी आलोचना की है.
मिस्र, सऊदी अरब और जॉर्डन मिलकर गाजा के लिए एक अरब-नेतृत्व वाला वैकल्पिक समाधान तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं. मिस्र के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में घोषणा की कि वह गाजा पुनर्निर्माण के लिए एक “समग्र योजना” पेश करेगा, जिसमें वहां की आबादी को विस्थापित करने का कोई प्रस्ताव नहीं होगा.
रियाद में शुक्रवार को एक क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें मिस्र, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अन्य देश शामिल होंगे. इस सम्मेलन में वे अपनी योजनाओं को औपचारिक रूप देंगे.
अमेरिका ने संकेत दिया है कि वह अरब देशों के वैकल्पिक प्रस्तावों पर विचार करने को तैयार है, लेकिन रुबियो ने स्पष्ट किया कि “ट्रंप योजना ही एकमात्र विकल्प है.”
इसके अलावा, रुबियो मंगलवार को रियाद में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सहित अन्य रूसी अधिकारियों के साथ यूक्रेन युद्ध पर चर्चा करेंगे.
सऊदी अरब, रुबियो की मध्य पूर्व यात्रा का दूसरा पड़ाव है. इससे पहले वह इजरायल जा चुके हैं और आगे वे यूएई जाने वाले हैं.
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