पीएम मोदी पर ट्रंप की टिप्पणी रणनीतिक विफलता को दर्शाती है: प्रो. शतपथी

भुवनेश्वर, 6 सितंबर . अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप ने एक social media पोस्ट में Prime Minister Narendra Modi को ‘एक महान मित्र और महान Prime Minister’ बताया. हालांकि, उन्होंने India की हालिया नीतियों पर असंतोष भी व्यक्त किया. इस पर टिप्पणी करते हुए प्रख्यात विदेश नीति विशेषज्ञ प्रोफेसर रवींद्र कुमार शतपथी ने कहा कि ट्रंप के बयानों में उतार-चढ़ाव का रिकॉर्ड रहा है, जिससे उनके बयानों की निरंतरता का आकलन करना मुश्किल हो जाता है.

प्रोफेसर शतपथी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 25 वर्षों में, India और अमेरिका ने व्यापार, कूटनीति और रक्षा के क्षेत्र में मजबूत संबंध बनाए हैं. हालांकि, ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद, विशेष रूप से टैरिफ और रूस से India द्वारा तेल खरीद को लेकर तनाव बढ़ गया.

प्रोफेसर शतपथी के अनुसार, रूस के साथ India के तेल व्यापार के लिए ट्रंप द्वारा ‘दंड’ शब्द का इस्तेमाल ‘अपमानजनक’ और अनुचित था, खासकर तब जब चीन, यूरोपीय संघ और यहां तक कि अमेरिका जैसे अन्य देश भी मास्को के साथ व्यापार जारी रखे हुए हैं. उन्होंने सवाल किया, ‘सिर्फ India को ही दंड क्यों?’ ट्रंप के सलाहकारों ने India के बारे में ‘गैर-कूटनीतिक और अप्रिय’ टिप्पणियां की थीं, जिससे संबंध और बिगड़ गए.

उन्होंने बताया कि India पर रूसी तेल से मुनाफा कमाने का गलत आरोप लगाया गया, जबकि इस तथ्य की अनदेखी की गई कि यूक्रेन संघर्ष India की वजह से नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि India ने कभी भी जवाबी शुल्क लगाकर स्वास्थ्य जैसे मानवीय क्षेत्रों को बाधित नहीं किया, जबकि उसके पास ऐसा करने का विकल्प था.

शतपथी ने जोर देकर कहा कि India के प्रति ट्रंप की रणनीति विफल रही. बार-बार उकसावे के बावजूद, India ने संयम बनाए रखा और अपने राष्ट्रीय हित में काम किया. उन्होंने कहा कि यह ट्रंप की रणनीतिक विफलता और India की कूटनीतिक जीत का स्पष्ट मामला है.

उन्होंने आगे कहा कि India अब ब्राज़ील, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका के साथ व्यापारिक संबंधों का विस्तार करना चाहता है, जिससे अमेरिकी बाज़ार पर उसकी निर्भरता कम हो. इसके अलावा, पश्चिमी देशों ने India पर प्रतिबंध लगाने के ट्रंप के आह्वान का समर्थन नहीं किया, जिससे India का बढ़ता वैश्विक महत्व साबित होता है.

विशेषज्ञ ने कहा कि ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ अपनी व्यक्तिगत मित्रता का लाभ उठाने की कोशिश की, लेकिन India की नीतियां राष्ट्रीय हित से पूरी तरह निर्देशित हैं. ट्रंप के पिछले चुनाव अभियान के दौरान पीएम मोदी के समर्थन को याद करते हुए, प्रो. शतपथी ने कहा कि ट्रंप कृतज्ञ रहे हैं. व्यक्तिगत संबंधों में निवेश राष्ट्रीय हित की कीमत पर नहीं हो सकता.

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी President डोनाल्‍ड ट्रंप के दृष्टिकोण से अमेरिकी हितों को भी नुकसान पहुंचने का खतरा है. प्रो. शतपथी ने कहा कि आज India एक स्वाभिमानी राष्ट्र है जिसके पास वैश्विक कूटनीति में विकल्प मौजूद हैं. India को अपने अधीन करने का कोई भी प्रयास उल्टा ही पड़ेगा.

एएसएच/डीएससी