ट्रंप ने गाजा पट्टी पर ‘अमेरिकी अधिकार’ का रखा प्रस्ताव

वाशिंगटन, 5 फरवरी . अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दशकों पुराने पश्चिम एशिया संकट को हल करने के लिए एक योजना प्रस्तावित की है. इस प्रस्ताव में अमेरिका के गाजा पट्टी पर कब्जा करने और यहां रहने वाले या विस्थापित फिलिस्तीनियों को पड़ोसी देशों मिस्र और जॉर्डन में शरण लेने के लिए भेजने की बात शामिल है.

इसके अलावा फिलिस्तीनियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को हो रही फंडिंग में कटौती करने के आदेश पर भी हस्ताक्षर किए हैं. ट्रंप ने कहा कि आदेश पर हस्ताक्षर करना उनके लिए काफी कठिन रहा. नया कार्यकारी आदेश ईरान के लिए भी बहुत कठोर होगा.

ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैं मजबूती से मानता हूं कि गाजा पट्टी, जो इतने दशकों से मौत और विनाश का प्रतीक रही है, इसके आस-पास के लोगों के लिए बहुत बुरी है. विशेष रूप से जो लोग वहां रहते हैं, यह लंबे समय से एक बदकिस्मत जगह रही है.” ट्रंप ने ये बात नेतन्याहू के अमेरिकी दौरे के दौरान कही.

उन्होंने कहा, “हमें मानवीय दिलों के साथ रुचि रखने वाले अन्य देशों में जाना चाहिए. उनमें से कई ऐसे हैं जो ऐसा करना चाहते हैं और विभिन्न डोमेन का निर्माण करना चाहते हैं जो गाजा में रहने वाले 18 लाख फिलिस्तीनियों के कब्जे में होगा. इससे मौत और विनाश और स्पष्ट रूप से उन लोगों का दुर्भाग्य समाप्त हो जाएगा.”

“अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्जा कर लेगा, और हम इसके साथ काम भी करेंगे. हम इसकी जिम्मेदारी निभाएंगे और साइट पर मौजूद सभी खतरनाक बमों और अन्य हथियारों को नष्ट करने की जिम्मेदारी लेंगे. साइट को समतल करेंगे और नष्ट हो चुकी इमारतों को ठीक करेंगे. एक ऐसा आर्थिक विकास करेंगे जो क्षेत्र के लोगों के लिए असीमित संख्या में नौकरियां और आवास प्रदान करेगा.”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी योजना की नवीनता को स्वीकार करते हुए कहा, “वास्तविक काम करें, कुछ अलग करें, बस पीछे नहीं जा सकते. यदि आप पीछे जाते हैं, तो यह उसी तरह समाप्त होने वाला है जैसा कि 100 वर्षों से होता आ रहा है.”

ट्रंप ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि यह संघर्ष विराम एक बड़ी और अधिक स्थायी शांति की शुरुआत हो सकती है जो रक्तपात और हत्या को हमेशा के लिए समाप्त कर देगी. इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, मेरा प्रशासन गठबंधन में विश्वास बहाल करने और पूरे क्षेत्र में अमेरिकी ताकत का पुनर्निर्माण करने के लिए तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, और हमने वास्तव में ऐसा किया है. हम एक सम्मानित राष्ट्र हैं. मैंने इजरायल के लिए 1 बिलियन डॉलर से अधिक की सैन्य सहायता पर पिछले प्रशासन के वास्तविक हथियार प्रतिबंध को समाप्त कर दिया है. मुझे यह घोषणा करते हुए भी खुशी हो रही है कि आज दोपहर, संयुक्त राज्य अमेरिका ने यहूदी विरोधी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से खुद को अलग कर लिया है. साथ ही संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी के साथ संबंध तोड़ लिए हैं जिसे लेकर कई तरह की आशंकाएं थीं. उस पर आरोप है कि वह हमास को पैसे पहुंचाती थी.”

आदेश के अनुसार ईरान के तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर अधिकतम आर्थिक दबाव बनाया जाएगा. ट्रंप का मानना है कि ईरान परमाणु हथियार प्राप्त करने के करीब पहुंच चुका है इसलिए पाबंदी जरूरी हैं.

एससीएच