न्यूयॉर्क, 23 सितंबर . संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को संबोधित करते हुए President डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दुनिया की सात जंगों को रुकवाने का क्रेडिट लिया. संबोधन में उन्होंने ऑपरेशन मिडनाइट हैम को सही और फिलिस्तीन को मान्यता दिए जाने को गलत करार दिया.
अमेरिकी President ने कहा कि उन्होंने 7 जंग रुकवाईं. दावा किया कि उन्होंने कंबोडिया और थाईलैंड, कोसोवो और सर्बिया, कांगो और रवांडा, Pakistan और भारत, इजराइल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया, आर्मेनिया और अजरबैजान जंग को खत्म कराया. ट्रंप ने कहा, “हर कोई कहता है कि मुझे इन कामयाबियों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए, लेकिन मेरे लिए, असली पुरस्कार यह है कि लाखों लोग अब जंग में नहीं मारे जा रहे हैं.” बोले, “मुझे इनाम की नहीं, बल्कि जान बचाने की परवाह है.”’
डोनाल्ड ट्रंप ने भाषण की शुरुआत अपने कार्यकाल के पहले आठ महीनों की ‘सबसे बड़ी उपलब्धियों’ से की. उन्होंने कई कारण गिनाए कि क्यों उन्हें लगता है कि अमेरिका अपने “स्वर्णिम युग” में है. ट्रंप ने अपनी विदेश नीति से जुड़े किसी भी काम में मदद न करने के लिए संगठन की आलोचना की.
अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने 2020 में आखिरी बार President रहते संबोधित किया था.
ईरान के 12 दिनी युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, वहां हमने ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के जरिए ईरानी परमाणु संयंत्रों को तबाह कर दिया. मेरा मानना है कि किसी भी खतरनाक देश के पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए. ये भी कहना चाहूंगा कि जैसे हमने किया वैसे कोई और नहीं कर सकता था.
फिलिस्तीन को मान्यता देने वाले देशों को निशाने पर लेते हुए ट्रंप ने कहा, “कुछ लोग एकतरफा तरीके से फिलिस्तीन को मान्यता देना चाह रहे हैं. लेकिन ऐसा करने का मतलब हमास को इनाम देना होगा. हमास ने बार-बार शांति की कोशिशों को ठुकराया है. हमें बंधकों को वापस लाना होगा. हम सभी 20 को वापस चाहते हैं. हम दो और चार नहीं चाहते.”
वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा, “अगर रूस यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए तैयार नहीं होता है, तो वे भारी टैरिफ लगाएंगे. अगर रूस युद्ध समाप्त करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता है, तो अमेरिका कड़े टैरिफ लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है.”
साथ ही यूरोपीय देशों को फटकार लगाते हुए कहा कि उन्हें भी ऐसे ही उपाय अपनाकर अमेरिका से जुड़ना चाहिए.
–
केआर/