वॉशिंगटन, 23 जुलाई . अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर देश से ‘विश्वासघात’ का आरोप लगाया, जिसके बाद ओबामा के प्रवक्ता की प्रतिक्रिया सामने आई. प्रवक्ता ने इन आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘ध्यान भटकाने की एक कमजोर कोशिश’ बताया.
‘सिन्हुआ’ समाचार एजेंसी के मुताबिक, जब मीडिया ने ट्रंप से दिवंगत अमेरिकी फाइनेंसर जेफरी एपस्टीन से जुड़े मामले पर सवाल किया, तो उन्होंने ओबामा को टारगेट करना शुरू कर दिया.
व्हाइट हाउस के ‘ओवल ऑफिस’ में पत्रकारों से बात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “उन्होंने चुनाव में गड़बड़ी करने की कोशिश की और पकड़े गए. इसके लिए सख्त सजा होनी चाहिए. यह देश से विश्वासघात था.”
ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को ‘गिरोह का मुखिया’ बताते हुए आरोप लगाया कि डेमोक्रेट्स ने 2016 से लेकर 2020 तक चुनावों में कथित तौर पर हेराफेरी की. इस पार्टी में जो बाइडेन और हिलेरी क्लिंटन भी शामिल हैं.
अभी तक डेमोक्रेट्स की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन ओबामा के प्रवक्ता ने पहले ही ट्रंप के आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘ध्यान भटकाने का प्रयास’ बताया है.
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रवक्ता पैट्रिक रोडनबश ने कहा, “राष्ट्रपति पद के सम्मान में, हमारा कार्यालय आमतौर पर व्हाइट हाउस से निरंतर आने वाले झूठ और गलत जानकारी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता, लेकिन यह दावे इतने अपमानजनक हैं कि इन पर प्रतिक्रिया देना जरूरी है. यह अजीबो-गरीब आरोप पूरी तरह से बेतुके हैं. यह ध्यान भटकाने की एक कमजोर कोशिश है.”
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राजनीतिक और व्यावसायिक दिग्गजों से व्यापक संबंध रखने वाले जेफरी एपस्टीन पर यौन अपराधों के आरोप लगे थे. उन्हें गिरफ्तार किया गया था. अगस्त 2019 में जेल में उनकी मौत हो गई, जिसे आधिकारिक तौर पर आत्महत्या करार दिया गया. एपस्टीन के अमेरिका की राजनीतिक और कारोबारी हस्तियों से गहरे संबंध थे.
2024 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया था कि अगर वह दोबारा चुने जाते हैं, तो जेफरी एपस्टीन से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक करेंगे.
हालांकि, इसी महीने की शुरुआत में अमेरिकी न्याय विभाग और एफबीआई ने एक संयुक्त ज्ञापन जारी करते हुए बताया कि कोई भी आपत्तिजनक ‘क्लाइंट लिस्ट’ मौजूद नहीं है. इसके साथ ही कहा कि “आगे कोई भी खुलासा उचित या वारंटेड नहीं होगा.”
इस मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन की बदलती स्थिति को लेकर काफी आलोचना हो रही है. कुछ नाराज समर्थकों ने अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी के इस्तीफे तक की मांग कर दी.
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आरएसजी/एएस