मलेशिया में एक और विश्व कप ट्रॉफी जीतकर अंडर-19 करियर को शानदार विदाई देना चाहती हैं त्रिशा

नई दिल्ली, 18 जनवरी . जी. त्रिशा के लिए 2023 अंडर-19 महिला टी20 वर्ल्ड कप फाइनल उनके क्रिकेट करियर की सबसे यादगार मैच है. इस दिन भारत ने इंग्लैंड को 7 विकेट से हराकर पहली बार अंडर-19 महिला टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था.

तब 69 रनों का पीछा करते हुए त्रिशा ने सबसे ज्यादा 24 रन बनाए थे, हालांकि वह विनिंग रन बनाने से चूक गईं. त्रिशा ने हेयरलाइन फ्रैक्चर होने के बावजूद योगदान दिया. यह उनके लिए वाकई एक अहम पल था.

त्रिशा ने के साथ खास बातचीत में उस पल को याद करते हुए बताया, “सबको लगा था कि मैं खेल नहीं पाऊंगी, लेकिन मैंने भारत के लिए पूरा मैच खेला. यह मेरे लिए बहुत खास है, क्योंकि मेरे फिजियो ने आकर मुझे गले लगाया और तब बहुत भावुक क्षण था. यह जीत हमारी टीम के स्टाफ, फिजियो और कोचों के समर्थन के बिना संभव नहीं थी.”

अब त्रिशा मलेशिया में होने वाले अपने दूसरे अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए तैयार हैं. रविवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ अभियान की शुरुआत से पहले, टीम के बल्लेबाजी प्रदर्शन का काफी दारोमदार त्रिशा और जी. कमलिनी की ओपनिंग जोड़ी पर होगा.

मलेशिया में आयोजित पहले अंडर-19 महिला एशिया कप में त्रिशा ने पांच पारियों में 53 की औसत और 120.45 के स्ट्राइक रेट से कुल 159 रन बनाए. उन्होंने फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच और टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब जीता.

अपने शानदार तकनीक और आकर्षक शॉट्स के लिए पहचानी जाने वाली त्रिशा ने आगे कहा, “यह सिर्फ एशिया कप जीतने की बात नहीं है. पिछले 6-7 महीनों से हम लगातार साथ में प्रैक्टिस कर रहे हैं और हमारी टीम का बहुत अच्छा तालमेल है. मुझे दूसरी बार इस बड़े टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला है, इसके लिए मैं आभारी हूं. मैं लंबे समय से इस भूमिका की तैयारी कर रही हूं. पावर-हिटिंग ट्रेनिंग और जो भी जरूरी था, वह सब मेरे रूटीन का हिस्सा था. अगर हम फिर से विश्व कप जीतते हैं, तो यह मेरे लिए गर्व का पल होगा और मैं अंडर-19 करियर को शानदार तरीके से खत्म करना चाहती हूं.”

त्रिशा के माता-पिता ने 2005 से पहले ही तय कर लिया था कि वे अपने बच्चे को, चाहे वो बेटा हो या बेटी, एक क्रिकेटर बनाएंगे. उनके पिता जीवी रामि रेड्डी ने उनके क्रिकेट करियर के लिए आईटीसी में अपनी फिटनेस ट्रेनर की नौकरी तक छोड़ दी और पूरी तरह बेटी के करियर पर फोकस किया.

त्रिशा बताती हैं, “मैंने दो साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया. यह सब मेरे माता-पिता की वजह से हुआ. मेरे पापा का मुझ पर जो भरोसा है, उसी ने मुझे यहां तक पहुंचाया.”

2013-14 में त्रिशा और उनके माता-पिता हैदराबाद चले गए और उन्होंने सेंट जॉन्स क्रिकेट अकादमी में दाखिला लिया, जहां महान क्रिकेटर मिताली राज की भी ट्रेनिंग हुई थी.

बल्लेबाजी त्रिशा का पहला प्यार है, लेकिन उन्होंने तेज गेंदबाजी का प्रशिक्षण भी लिया. हालांकि, एक कोच ने उन्हें लेग स्पिन करने की सलाह दी. धीरे-धीरे वह “मिस्ट्री स्पिनर” के नाम से मशहूर हो गईं, क्योंकि उनकी गेंदबाजी से बल्लेबाज अक्सर चकमा खा जाते थे. ट्रिशा मौजूदा समय में कोचिंग बियोंड अकादमी में ट्रेनिंग ले रही हैं, जहां भारतीय पुरुष सीनियर क्रिकेट टीम के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर मुख्य मार्गदर्शक की भूमिका में हैं.

2014 में, मात्र 8 साल की उम्र में, उन्होंने अपने पहले अंडर-16 ट्रायल्स में हिस्सा लिया. उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया और साउथ जोन की सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी बनीं. वह टीम की सबसे छोटी सदस्य थीं, और सभी उन्हें खूब प्यार करते थे. इसके बाद उन्होंने अंडर-19 और अंडर-23 हैदराबाद टीम में जगह बनाई. 2023 के विश्व कप की तैयारी में वह भारतीय अंडर-19 टीम में चयनित हुईं.

त्रिशा ने भारत के लिए कई बड़ी जीत देखी हैं. वह टीम में थीं जब भारत ने विशाखापत्तनम में चतुष्कोणीय अंडर-19 सीरीज जीती, मुंबई में न्यूजीलैंड की टीम के खिलाफ एक घरेलू सीरीज जीती, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विदेशी सीरीज और विश्व कप जीत हासिल की.

त्रिशा ने बताया कि महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) से महिला क्रिकेट में बहुत बदलाव आया है. अब बहुत सी लड़कियां क्रिकेट खेलना चाहती हैं. पहले, माता-पिता हमेशा लड़कियों को खेलने नहीं भेजते थे. लेकिन डब्ल्यूपीएल के मैच देखने के बाद, बहुत सी लड़कियां क्रिकेट खेलने आ रही हैं. डब्ल्यूपीएल में शीर्ष खिलाड़ियों को देखकर हम भी बहुत सीख रहे हैं.

त्रिशा का इस लीग में डेब्यू अभी बाकी है. इसके अलावा ट्रिशा को पेंटिंग करना बहुत पसंद है. उनके माता-पिता उन्हें क्रिकेट पर पूरी तरह ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. वे पढ़ाई को लेकर काफी उदार रहे हैं. वे कहते हैं, “तुम सिर्फ मैदान पर स्कोर करने पर ध्यान दो.”

त्रिशा तीसरी बार अंडर-19 विश्व कप खेल रही हैं. उनका कहना है, “कोच हमसे कहते हैं कि हर पल का आनंद लें. वे सभी तरह की परिस्थितियों को लेकर काफी सपोर्टिव हैं. कृपया सभी मैच देखें क्योंकि हम विश्व कप जीतने जा रहे हैं. मलेशिया बहुत गर्म है, इसलिए ठंड या कोहरा कुछ नहीं होगा – बस आकर हमारा उत्साह बढ़ाएं.”

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