अगरतला, 21 फरवरी . त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बुधवार को 42वें अगरतला पुस्तक मेले का उद्घाटन किया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस भी मनाया जाता है.
माणिक साहा ने बांग्लादेश और त्रिपुरा के गणमान्य व्यक्तियों और लेखकों के साथ अगरतला के बाहरी इलाके में हापानिया अंतर्राष्ट्रीय मेला ग्राउंड में 14 दिवसीय अगरतला पुस्तक मेले का उद्घाटन किया.
5 मार्च को समाप्त होने वाले मेले में बांग्लादेश, कोलकाता, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुवाहाटी के अलावा त्रिपुरा के प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं ने लगभग 200 स्टॉल लगाए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी विभिन्न विषयों पर परिचर्चा एवं सेमिनार, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कवियों की गोष्ठी आयोजित की जाएगी.
अगरतला पुस्तक मेला कोलकाता पुस्तक मेले के बाद पूर्वी भारत में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण मेला है. इसे 1981 में शुरू किया गया था.
दो वर्षों को छोड़कर यह वार्षिक रूप से आयोजित किया जाता रहा है.
वार्षिक पुस्तक मेले ने स्थानीय प्रकाशन व्यवसाय को बड़ा बढ़ावा दिया है, हर साल पुस्तक मेले की पूर्व संध्या पर औसतन 150 से 200 शीर्षक प्रकाशित होते हैं.
हालांकि, कुछ ही वर्षों में उपाधियों की संख्या 350 को पार कर गई.
मेले के दौरान सरकार की ओर से प्रख्यात लेखकों, कवियों और प्रकाशकों को कई पुरस्कार दिए जाएंगे.
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