त्रिपुरा : भाजपा की सहयोगी टिपरा मोथा पार्टी 9 सितंबर को कई मांगों को लेकर दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेगी

अगरतला, 7 सितंबर . भाजपा की सहयोगी टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) पिछले साल मार्च में हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय समझौते के कार्यान्वयन सहित अपनी तीन सूत्री मांगों के समर्थन में 9 सितंबर को दिल्ली में प्रदर्शन करेगी. पार्टी सूत्रों ने Sunday को यह जानकारी दी.

टीएमपी के मीडिया समन्वयक लामा देबबर्मा ने कहा कि Tuesday को राष्ट्रीय राजधानी में जंतर-मंतर के पास अपनी मांगों को उजागर करने के लिए प्रदर्शन किया जाएगा.

मांगों में पिछले साल 2 मार्च को दिल्ली में हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय “तिप्रासा समझौते” को लागू करना, त्रिपुरा से अवैध प्रवासियों को वापस भेजना और ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ को संवैधानिक मान्यता देना शामिल है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में केंद्र, त्रिपुरा Government और टीएमपी नेताओं के बीच स्थानीय आदिवासियों के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

टीएमपी प्रमुख प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मा ने Sunday को एक वीडियो संदेश में कहा कि Government द्वारा त्रिपक्षीय समझौते में किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं, जबकि एक साल से भी अधिक समय बीत चुका है.

देबबर्मा ने सभी Political दलों के आदिवासी नेताओं से आदिवासियों के हित और स्थानीय लोगों के जीवन, संस्कृति और विरासत की रक्षा के लिए 9 सितंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले उनके प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह किया.

टीएमपी सुप्रीमो ने कहा, “राष्ट्रीय राजधानी में Tuesday का प्रदर्शन आदिवासियों के हित में एक गैर-Political कार्यक्रम है. वहां किसी भी पार्टी का झंडा नहीं फहराया जाएगा.”

पूर्व शाही वंशज देबबर्मा ने आदिवासियों से 9 सितंबर को त्रिपुरा के सभी गांवों, शहरों और इलाकों में अपनी तीन मांगों को लेकर इसी तरह के प्रदर्शन करने का आग्रह किया है.

अवैध प्रवासियों को तुरंत वापस भेजने की मांग करते हुए, आदिवासी नेता ने कहा कि अगर अमेरिका भारतीयों को हथकड़ी लगाकर वापस भेजता है, तो India Government India में रह रहे अवैध घुसपैठियों के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?

बता दें कि एक साल तक चली गहन बातचीत और पिछले साल 2 मार्च को केंद्र और त्रिपुरा Government के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, तत्कालीन विपक्षी टीएमपी 13 विधायकों के साथ पिछले साल 7 मार्च को राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन Government में शामिल हो गई. इससे त्रिपुरा की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया.

टीएमपी के दो विधायकों, अनिमेष देबबर्मा और बृषकेतु देबबर्मा, को Chief Minister माणिक साहा के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.

टीएमपी 30 सदस्यीय Political रूप से महत्वपूर्ण त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) का संचालन कर रही है, जिसका अधिकार क्षेत्र त्रिपुरा के 10,491 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के दो-तिहाई हिस्से पर है और जहां 12,16,000 से अधिक लोग रहते हैं, जिनमें से लगभग 84 प्रतिशत आदिवासी हैं.

एससीएच