डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने किया याद

New Delhi, 23 जून . भारतीय जनसंघ के संस्थापक और प्रखर राष्ट्रवादी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि (बलिदान दिवस) पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में Union Minister धर्मेंद्र प्रधान और दिल्ली की Chief Minister रेखा गुप्ता ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.

इस अवसर पर दोनों नेताओं ने डॉ. मुखर्जी के राष्ट्रवादी विचारों, जम्मू-कश्मीर के पूर्ण एकीकरण के लिए उनके बलिदान और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वैचारिक नींव को मजबूत करने में उनके योगदान को याद किया.

Union Minister धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया. उन्होंने उस समय की कांग्रेस Government और तत्कालीन नेतृत्व विशेषकर जवाहरलाल नेहरू के कई नीतियों से असहमति जताई थी. फिर भी, गांधी जी के आह्वान पर उन्होंने स्वतंत्र India की पहली Government में हिस्सा लिया, जिसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे महानुभाव भी शामिल थे. लेकिन, समय के साथ नेहरू जी ने उन्हें और डॉ. बी.आर. अंबेडकर जैसे नेताओं को उचित भूमिका नहीं दी, जिसके कारण वे Government से बाहर हो गए.

Union Minister ने कहा, “1950 के दशक में जब कांग्रेस का आजादी की लड़ाई में एकछत्र प्रभुत्व था, तब डॉ. मुखर्जी ने वैकल्पिक Political विचारधारा प्रस्तुत की. भारतीय जनसंघ केवल एक संगठन नहीं, बल्कि एक विचार था, जिसका प्रभाव आज सात दशकों बाद भी देश और राज्यों में देखा जा सकता है. डॉ. मुखर्जी ने निडर होकर नेहरू की नीतियों का विरोध किया और कहा, “मैं आपकी कुचलने वाली मानसिकता को ही कुचल दूंगा.” उनके इस साहस ने उन्हें युगपुरुष बनाया.”

प्रधान ने हाल के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह India की सैन्य शक्ति का प्रतीक है, जिसे Prime Minister Narendra Modi की इच्छाशक्ति ने संभव बनाया. उन्होंने कहा, “नक्सलवाद और उग्रवाद को लगभग समाप्त कर दिया गया है. राम मंदिर का पुनर्निर्माण और धरोहरों का सम्मान भी डॉ. मुखर्जी के विचारों की जीत है.”

उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि यह आज भी भाजपा की शासन व्यवस्था का आधार है, जहां गरीब और सामान्य व्यक्ति केंद्र में है.

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पिछले 17 वर्षों में एनडीए और भाजपा ने केंद्र और राज्यों में सुशासन और विकास के लिए काम किया है. धारा 370 के निरस्त होने (2019) और श्री राम मंदिर के पुनर्निर्माण जैसे कदमों ने डॉ. मुखर्जी के सपनों को साकार किया है.

वहीं, दिल्ली की Chief Minister रेखा गुप्ता ने डॉ. मुखर्जी को देश की एकता और अखंडता के लिए प्रेरणा बताया.

उन्होंने कहा, “Prime Minister Narendra Modi की Government ने धारा 370 को हटाकर उनके बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि दी. उनके नारे ‘एक देश में दो विधान, दो प्रधान, दो निशान नहीं चलेंगे’ को साकार करने में मोदी जी और गृहमंत्री अमित शाह की भूमिका ऐतिहासिक रही. डॉ. मुखर्जी का विचार केवल जम्मू-कश्मीर तक सीमित नहीं था, बल्कि शिक्षा, भाषा, लघु उद्योग, और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में उनका चिंतन मौलिक था.”

सांसद बांसुरी स्वराज ने भी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने डॉ. मुखर्जी के अखंड India के सपने और राष्ट्रवादी विचारधारा को याद किया.

बांसुरी स्वराज ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय विचारधारा के ध्वजवाहक थे. उन्होंने अखंड India का संकल्प लिया था और कहा था, “एक देश में दो विधान, दो प्रधान, दो निशान नहीं चलेंगे.” उनका यह सपना 2019 में Prime Minister Narendra Modi द्वारा धारा 370 को हटाने के साथ पूरा हुआ. स्वराज ने कहा, “आज कश्मीर प्रगति के पथ पर अग्रसर है, और यह डॉ. मुखर्जी के बलिदान का परिणाम है. उनकी पुण्यतिथि पर मैं उनके चरणों में कोटि-कोटि वंदन करती हूं.”

एसएचके/केआर