भोपाल, 10 नवंबर . मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित वन विहार में अब वन्यप्राणियों को गोद लेने का ट्रेंड बढ़ रहा है. 2009 में वन विभाग द्वारा एक योजना शुरू की गई. इस योजना के अंतर्गत कोई भी शख्स किसी भी वन्य जीव को गोद ले सकता है.
2024 में अब तक 10 वन्य प्राणियों को गोद लिया गया है. इस लिस्ट में टॉप टाइगर ने किया है. टाइगर को अब तक 41 बार गोद लिया जा चुका हैं. इसके बाद तेंदुआ और भालू का नंबर आता है. गोद लेने का मतलब है कि इन वन्य प्राणियों की देखरेख, खाना और दवाओं के खर्च को वहन करना और गोद लिए वन प्राणी को कभी भी देखने की अनुमति होती है.
वन विहार में तैनात सुरक्षाकर्मी राजेश नामदेव ने कहा, “यहां पर बहुत सारे लोग वन्य जीव को अडॉप्ट करते हैं, यानि अपने खर्चे से उनके लिए जो जरूरी चीजें होती हैं, उन सभी का प्रबंध करते हैं. इसके तहत, लोग विभिन्न प्रकार के जानवरों को गोद लेते हैं, जैसे कि पैंथर, टाइगर, अजगर, पाइथन, लायन, इत्यादि. यह पूरी तरह से उनके ऊपर निर्भर करता है कि वे किस प्रजाति के जानवर को अडॉप्ट करना चाहते हैं और कितना योगदान देना चाहते हैं. जब वे किसी जानवर को गोद लेते हैं, तो उस जानवर के सामने एक बोर्ड लगाया जाता है, जिसमें उनका नाम, गोद लेने की राशि और तारीख लिखी होती है. यह राशि जितनी भी होती है, उसके बदले में गोद लेने वाले को कुछ प्रतिशत मुफ्त कूपन दिए जाते हैं.”
हालांकि टाइगर हमेशा से ही वन्य प्राणियों में आकर्षण का केंद्र रहता है. वन विहार आए सैलानी भी पहले टाइगर देखना पसंद करते हैं. बच्चों और युवाओं में बेहद लोकप्रिय हैं और शायद यही वजह है कि इनको गोद लेने वालों की लिस्ट भी लंबी है.
पर्यटक डॉ शकीना ने से बातचीत में बताया, “ जो लोग एनिमल और प्रकृति से प्रेम रखते हैं, वो जानते हैं कि यह सभी हमारे लिए अहम है. जंगल में एक-एक चीज अहम है. प्रकृति प्रेमी जानते हैं कि हमें जीव जंतु को देखने के लिए किसी नेशनल पार्क में जाने की जरूरत नहीं है. आप अपने घर में भी किसी पशु ,पक्षी और वन्य जीवों को देख सकते हैं.”
अगर आप एक वर्ष के लिए टाइगर को गोद लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको 2 लाख रुपये देने होंगे . इसके अलावा 6 माह के लिए 1 लाख और एक माह के लिए 17 हजार रुपये देने होंगे. तेंदुआ और भालू के लिए प्रतिवर्ष एक लाख रुपये देने होंगे.
वन विहार के असिस्टेंट डायरेक्टर सुनील सिन्हा का कहना है कि आप इस राशि के बाद कभी भी अपने गोद लिए वन्य प्राणी को देखने आ सकते हैं. वहीं आगे हम अब हिरण और अन्य वन्य जीव के लिए भी योजना शुरू कर रहे हैं. सभी लोगों का रिस्पांस काफी अच्छा मिल रहा है.
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एसएचके/केआर