नई दिल्ली, 4 दिसंबर . वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के पहले 7 महीनों में रुपये क्रेडिट कार्ड पर यूपीआई के जरिए लेनदेन वित्त वर्ष 2024 की समान अवधि की तुलना में लगभग दोगुना हो गया है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल-अक्टूबर तक 63,825.8 करोड़ रुपये की राशि के 750 मिलियन से अधिक ऐसे लेनदेन हुए. वहीं, वित्त वर्ष 2024 में, यूपीआई रुपये क्रेडिट कार्ड लेनदेन 362.8 मिलियन दर्ज किए गए, जिनका क्युमुलेटिव मूल्य 33,439.24 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2025 के पहले सात महीनों में बीते वर्ष की समान अवधि के मुकाबले दोगुना से ज्यादा लेनदेन हुए हैं. इसी के साथ माना जा रहा है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए यह आंकड़ा काफी ज्यादा बढ़ने वाला है.
रुपये क्रेडिट कार्ड पर यूपीआई लेनदेन की सुविधा को सरकार ने सितंबर 2022 में शुरू किया था. रुपये क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स यूपीआई ऐप की मदद से अपने लेन-देन कार्ड के जरिए कर सकते हैं.
वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद के ऊपरी सदन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, “टियर-2 और उससे नीचे के क्षेत्रों में फाइनेंशियल इंक्लूशन को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कई पहल की गई हैं. ऐसी ही एक पहल यूपीआई से जुड़े रुपे क्रेडिट कार्ड की शुरुआत है, जो यूपीआई भुगतान करने वाले यूजर्स को क्रेडिट सुविधा के अतिरिक्त अवसर प्रदान करता है.”
छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपये तक के लेनदेन के लिए यूपीआई से जुड़े रुपे क्रेडिट कार्ड पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) और इंटरचेंज शुल्क शून्य रहेगा. मर्चेंट डिस्काउंट रेट पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनियों द्वारा व्यापारियों से किसी विशेष क्रेडिट या डेबिट को प्रोसेस करने पर लिया जाता है. यूजर्स के सेविंग अकाउंट से जुड़े यूपीआई लेनदेन पर शून्य एमडीआर नीति का पालन किया जाता है.
इसके अलावा, यूपीआई के बढ़ते इस्तेमाल के साथ माना जा रहा है कि वित्त वर्ष 2025 में यूपीआई लेनदेन की संख्या 25 अरब प्रति माह तक पहुंच जाएगी. अक्टूबर 2024 में 16.58 अरब लेनदेन और 23.50 लाख करोड़ रुपये के मूल्य के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद, नवंबर में यूपीआई लेन-देन की संख्या सालाना आधार पर 38 प्रतिशत वृद्धि के साथ 15.48 अरब रही, जिसका मूल्य सालाना आधार पर 24 प्रतिशत वृद्धि के साथ 21.55 लाख करोड़ रुपये रहा.
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एसकेटी/एएस