जशपुर, 6 मार्च . छत्तीसगढ़ में सिकलसेल की गंभीर बीमारी से जूझ रहे दो मासूम बच्चों को राहत दिलाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर स्वास्थ्य विभाग की चिरायु शाखा पीड़ित बच्चों के स्वास्थ्य की जांच में जुटी है.
बताया गया कि जशपुर जिले के कांसाबेल तहसील की खूंटीटोली की निवासी दुर्गावती चौहान अपने दोनों बच्चे आयुष चौहान (5) और आरूषि चैहान (2) को लेकर बगिया स्थित सीएम कैम्प पहुंची थी. यहां उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को बताया कि उनके दोनों बच्चे सिकलसेल से पीड़ित हैं. उन्हें लगातार दवा और रक्त की जरूरत पड़ती है. लेकिन, आर्थिक तंगी की वजह से इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मुख्यमंत्री ने दुर्गावती की परेशानी को गंभीरता से लेते हुए सीएमएचओ डॉ. आर.एस. पैंकरा को पीड़ित बच्चों के समुचित इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.
चिरायु के नोडल अधिकारी डॉ. अरविंद रात्रे ने बताया कि सिकलसेल जन्म से होने वाली अनुवांशिक बीमारी है. सिकलसेल पीड़ित दोनों बच्चों को सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सिकलसेल मुक्त भारत बनाने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अंर्तगत जिले में सिकलसेल की जांच की जा रही है. सिकलसेल से जूझ रहे मरीजों को प्राथमिक राशन कार्ड, दिव्यांग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. बच्चों को रक्त की जरूरत होगी तो उन्हें तत्काल उपलब्ध कराया जाएगा.
–
एसएनपी/एबीएम