एग्रोस्टार के सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट में एग्रीकल्चर इकोसिस्टम पर परिवर्तनकारी प्रभाव

नई दिल्ली, 25 जुलाई . लीडिंग एग्रीटेक एग्रोस्टार ने गुरुवार को अपनी व्यापक पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) प्रभाव रिपोर्ट 2024 जारी की. इसमें इंडियन एग्रीकल्चर इकोसिस्टम (भारतीय कृषि पारिस्थितिकी तंत्र) पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाया गया है.

सोइंग सीड्स ऑफ सस्टेनेबिलिटी (टिकाऊपन के बीज बोना) टाइटल वाली रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारतीय किसानों ने एग्रोस्टार उत्पादों और सलाहकारों की सेवाओं की मदद से अपनी उपज में औसतन 27 प्रतिशत की वृद्धि की है. वहीं किसानों की इनपुट लागत में 17 प्रतिशत की कमी आई है.

कंपनी के कृषि-इनपुट उत्पादों ने 423 अरब लीटर पानी की खपत में कमी लाकर जल संरक्षण के ग्लोबल प्रयास में योगदान दिया है.

कंपनी ने भारतीय मिट्टी में 580 मीट्रिक टन कार्बन पदार्थ की बहाली में भी मदद की; अपनी आपूर्ति श्रृंखला में खाद्य क्षति को एक प्रतिशत से भी कम कर दिया; कार्यबल विविधता को बढ़ावा दिया और ग्रामीण एग्रीकल्चर इकोसिस्टम में महिलाओं को काम के अवसर दिए. कंपनी के फल और सब्जी पैक हाउस में 75 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी महिलाएं हैं.

एस्पायर इम्पैक्ट ने एग्रीटेक कंपनी को ‘गोल्ड लीफ’ रेटिंग से सम्मानित किया है. ‘किसानों को जीतने में मदद करना’ एग्रोस्टार के संचालन का मूल उद्देश्य है. कंपनी पांच प्रमुख हितधारकों पर ध्यान केंद्रित करती है जिनमें क्रमश: कर्मचारी, रिटेल पार्टनर, लास्ट-मील डिलीवरी पार्टनर, ग्लोबल कस्टमर्स और किसान हैं.

एग्रोस्टार के सह-संस्थापक और सीईओ शार्दुल शेठ ने कहा, “अपनी स्थापना के बाद से ही हम भारत भर के किसानों के जीवन पर सार्थक प्रभाव डालने की गहरी प्रतिबद्धता से प्रेरित हैं. कृषि क्षेत्र में गहराई से जुड़े एक संगठन के रूप में, सकारात्मक बदलाव लाना हमारे डीएनए में समाया हुआ है.”

उन्होंने आगे कहा, “हमारी ईएसजी रिपोर्ट 2024 ‘स्थायित्व के बीज बोना’ न केवल हमारे काम के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव को मापती है, बल्कि सतत विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है. हमें अपने प्रयासों के लिए एस्पायर इम्पैक्ट से गोल्ड रेटिंग प्राप्त करने पर गर्व है. हम अपने पहचाने गए संयुक्त राष्ट्र एसडीजी (स्थायी विकास लक्ष्यों) और किसानों की जीत में मदद करने के हमारे मिशन पर प्रभाव डालने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

एग्रोस्टार एक अत्याधुनिक डिजिटल-फर्स्ट रणनीति को भी अपनाता है, जो विभिन्न चैनलों के माध्यम से वैज्ञानिक कृषि ज्ञान प्रदान करता है. इस दृष्टिकोण ने सफलतापूर्वक एक करोड़ से ज्यादा किसानों के सवालों का समाधान किया है और वीडियो को 32.5 करोड़ से ज्यादा व्यूज मिले हैं.

किसानों के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट तक पहुंच बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है. बाजार में नकली और कम-गुणवत्ता वाले उत्पादों की भरमार है. एग्रोस्टार अपने मजबूत ओमनीचैनल वितरण प्रणाली के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले एग्रोस्टार ब्रांडेड उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराकर किसानों के सामने आने वाली इस बड़ी समस्या को हल करता है.

एग्रोस्टार एशिया के सबसे बड़े एग्री-एडवाइजरी सेंटर (कृषि-सलाहकार केंद्र) को संचालित करता है, जहां प्रतिदिन 30 हजार से अधिक किसानों के साथ बातचीत की जाती है. इसके अलावा अपने मोबाइल ऐप के माध्यम से 90 लाख से ज्यादा किसानों के डिजिटल नेटवर्क को समाधान और मार्गदर्शन देता है.

भारत के 11 राज्यों में 10 हजार से ज्यादा रिटेलर स्टोर्स के नेटवर्क के साथ, एग्रोस्टार जरूरी उत्पादों तक आसान पहुंच की सुविधा देता है. इससे किसानों को अपने खेत प्रबंधन के बारे में आसानी से फैसला लेने में मदद मिलती है.

एग्रोस्टार नेटवर्क में उपलब्ध कराई गई टेक्निकल इनोवेशन और कृषि विज्ञान सहायता के माध्यम से किसान अब अपने उत्पादों जैसे अनार को अमेरिका और केले को यूरोपीय संघ को निर्यात करने में सक्षम हो रहे हैं, जिससे ताजे भारतीय फलों और सब्जियों के निर्यात के लिए नयी सीमाएं खुल रही हैं.

अपने ब्रांड ‘किमाये’ के जरिए कंपनी भारतीय किसानों को 25 से ज्यादा देशों में ग्लोबल ग्राहकों तक पहुंचने और उनकी उपज के लिए प्रीमियम अर्जित करने में मदद कर रही है.

एस्पायर इम्पैक्ट के सह-संस्थापक और सीईओ अरविंद श्रीधरन ने कहा, “हमें एग्रोस्टार के किसानों, भागीदारों और कर्मचारियों के साथ व्यापक बातचीत के माध्यम से भारतीय कृषि पारिस्थितिकी तंत्र पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव का आकलन करने का सौभाग्य मिला. स्थिरता और इनोवेशन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनके काम के हर पहलू में स्पष्ट है. यह रिपोर्ट पॉजिटिव बदलाव लाने के लिए उनके समर्पण को दर्शाती है और उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए एक उच्च मानक स्थापित करती है.”

एफजेड/