नई दिल्ली, 3 अगस्त . स्वदेशी भारतीय पेमेंट सिस्टम यूपीआई का चलन बढ़ता जा रहा है. 1 अगस्त को यूपीआई से कुल 86,207.47 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ और इस दौरान ट्रांजैक्शन की संख्या 49.27 करोड़ रही. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन की ओर से यह जानकारी दी गई है.
इससे पहले एनपीसीआई की ओर से जारी किए गए डेटा में बताया गया था कि जुलाई में यूपीआई से कुल 20.64 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए. इसमें सालाना आधार पर 35 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. जून में यह आंकड़ा 20.07 लाख करोड़ रुपये पर था. मासिक आधार पर कुल यूपीआई लेनदेन की संख्या 4 प्रतिशत बढ़कर जुलाई में 14.44 अरब हो गई है, जो कि जून के महीने में 13.89 अरब थी.
जुलाई में औसत प्रतिदिन लेनदेन की संख्या 46.6 करोड़ रही है, जो कि जून में 46.3 करोड़ थी. वहीं, प्रतिदिन होने वाले लेनदेन की औसत वैल्यू जुलाई में 66,590 करोड़ रुपये थी.
यह दिखाता है कि देश में लोग तेजी के डिजिटल भुगतान को अपना रहे हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी करेंसी और फाइनेंस रिपोर्ट (2023-24) में कहा गया है कि मजबूत डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, फिनटेक इकोसिस्टम, अनुकूल पॉलिसी माहौल के कारण भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई डिजिटल अर्थव्यवस्था बन गया है. यूपीआई के आने से रिटेल पेमेंट में एक क्रांतिकारी बदलाव आया है और इससे लेनदेन काफी तेज हुआ है. डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के आने से करोड़ों लोगों की जिंदगी में बदलाव हुआ है. यूपीआई पर हर महीने 60 लाख नए यूजर्स जुड़ रहे हैं. इसकी वजह रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ना है और विदेशों में यूपीआई को लॉन्च करना है.
एनपीसीआई की ओर से प्रतिदिन एक अरब यूपीआई लेनदेन का लक्ष्य आने वाले समय के लिए रखा गया है.
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एबीएस/