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New Delhi, 17 नवंबर . भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने Monday को डेटा सेंटर्स, कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (सीडीएन) और इंटरनेट एक्सचेंज की स्थापना को आसान बनाने वाली अपनी तीन साल पुरानी सिफारिशों पर Government के नए सवालों का जवाब दे दिया है.
ट्राई ने 18 नवंबर 2022 को एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें देश में डेटा अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाने के लिए कई बड़े सुझाव दिए गए थे. इसके बाद दूरसंचार विभाग ने 29 अगस्त 2025 को ट्राई को एक पत्र लिखकर कहा कि रिपोर्ट की दो खास सिफारिशें पैरा 6.39 और 6.40, जो ‘डेटा नैतिकता और डेटा स्वामित्व’ से जुड़ी हैं, उन्हें Government की मौजूदा नीति के हिसाब से फिर से सोचा जाए.
ट्राई ने इन दोनों बिंदुओं पर दूरसंचार विभाग के विचारों का गहराई से अध्ययन किया और आज अपना अंतिम जवाब जारी कर दिया. ट्राई ने साफ किया कि उसकी सिफारिशें देश में डेटा सेंटर्स की संख्या बढ़ाने, इंटरनेट की गति सुधारने और डिजिटल इंडिया को मजबूत बनाने के मकसद से की गई थीं. नियामक ने अपने जवाब में सभी सवालों का बिंदुवार जवाब दिया है.
ट्राई का यह जवाब Monday को ही उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. कोई भी व्यक्ति इसे मुफ्त में पढ़ और डाउनलोड कर सकता है.
ट्राई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डेटा सेंटर्स की संख्या बढ़ने से न सिर्फ इंटरनेट सस्ता और तेज होगा, बल्कि लाखों नई नौकरियां भी पैदा होंगी. अभी India में ज्यादातर डेटा विदेशी सर्वरों पर रखा जाता है, जिससे गोपनीयता और सुरक्षा का खतरा रहता है. देश में ज्यादा डेटा सेंटर्स बनने से यह समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी.
अधिक जानकारी के लिए ट्राई के सलाहकार (ब्रॉडबैंड एवं नीति विश्लेषण) अब्दुल कयूम से 011-20907757 पर संपर्क किया जा सकता है.
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एसएचके/डीएससी