नई दिल्ली, 1 फरवरी . वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश किया. इस बजट में मध्यम वर्ग और एमएसएमई का विशेष ख्याल रखा गया है. बजट को लेकर समाचार एजेंसी से बात करते हुए व्यापारियों ने बजट की घोषणाओं का स्वागत किया.
उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष हरजिंदर सिंह ने कहा, “बजट उम्मीद के अनुरूप है. वित्त मंत्री ने कहा है कि नया आयकर विधेयक अगले सप्ताह लाया जाएगा. 12 लाख रुपये तक की आय पर कर नहीं लगाने के फैसले का हम स्वागत करते हैं. मुझे लगता है कि यह मध्यम वर्ग के लिए बहुत बड़ी राहत है. कई साल से हम इसका इंतजार कर रहे थे, जो उन्होंने अब किया है. सरकार के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं.”
लखनऊ के इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी गौरांग अग्रवाल ने 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने के लिए सरकार की तारीफ की. उन्होंने कहा, “सरकार के इस फैसले से मध्यम वर्ग बहुत खुश है, इसके लिए केंद्र सरकार को मैं बधाई देना चाहता हूं. सरकार ने होम स्टे को बढ़ावा देने की बात कही. अगर कुंभ से पहले यह फैसला होता तो शायद इसका सकारात्मक असर देखने को मिलता. बहुत अच्छी बात है कि उन्होंने इस पर ध्यान दिया.”
उन्होंने कहा कि सरकार का उर्जा क्षेत्र और खनिज पदार्थों पर ध्यान नहीं गया. फ्लैट पैनल को उन्होंने 20 प्रतिशत टैक्स के दायरे में रखा है, अगर उसको पांच या 10 प्रतिशत के दायरे में रखते तो शायद ठीक रहता. इससे शिक्षा क्षेत्र पर प्रभाव पड़ता. कुल मिलाकर बजट ठीक है.
फैशन डिजाइनर मंजूषा श्रीवास्तव ने बताया, “जो भी घोषणाएं हुई हैं, उससे हमें बहुत उम्मीदें हैं. काफी चीजें बहुत अच्छी हुई हैं, जबकि कुछ चीजों पर अभी भी ध्यान देना है. बजट में हस्तकला को प्रेरित किया गया है. भारत में हाथों से निर्मित वस्तुएं सस्ती होंगी. मेरे हिसाब से इसमें रोजगार की संभावना बढ़ेगी. युवा वर्ग का विशेष ख्याल रखा गया है.”
बेंगलुरु के व्यापारी सुब्रह्मण्यम ने 12 लाख रुपये तक के आय वालों को आयकर से छूट दिए जाने के सरकार के फैसले की तारीफ की. उन्होंने कहा, “टैक्स के स्लैब को बदल दिया गया है, जिसकी वजह से मध्यम वर्ग को बहुत फायदा होगा.”
लखनऊ की महिला व्यापारी वर्तिका शुक्ला ने कहा, “बजट के अंत में उन्होंने 12 लाख रुपये तक की आय वालों को आयकर में छूट देने का ऐलान किया, यह बहुत अच्छा था. कैंसर और कई गंभीर बीमारियों की दवाओं पर आयात शुल्क काफी कम किया गया है, जो काफी फायदेमंद है. हस्तशिल्प, लेदर इंडस्ट्री, फुटवियर इंडस्ट्री और टॉय इंडस्ट्री को भी बढ़ावा दिया गया है.”
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एससीएच/एकेजे