ऋषिकेश, 9 अगस्त . मध्य प्रदेश के पर्यटक संजय चौहान और पंजाब के पर्यटक बंटी ने उत्तराखंड के गंगोत्री धाम में बादल फटने की घटना के बाद राज्य प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और सहायता की सराहना की.
5 अगस्त को धराली गांव के पास बादल फटने से मलबा आने के कारण गंगोत्री धाम का सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया था, जिससे सैकड़ों पर्यटक और तीर्थयात्री फंस गए थे.
प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा और समन्वय के साथ फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और आवश्यक सुविधाएं प्रदान कीं.
संजय चौहान ने बताया कि 5 अगस्त को गंगोत्री धाम में प्रशासन ने उन्हें रोक लिया था, क्योंकि धराली गांव में बादल फटने से सड़क मार्ग पूरी तरह बंद हो गया था. प्रशासन ने तीन दिनों तक गंगोत्री में रुकने और भोजन की व्यवस्था की. इसके बाद, कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें हर्षिल तक पहुंचाया गया, जहां से हेलीकॉप्टर के जरिए देहरादून एयरपोर्ट ले जाया गया. देहरादून से प्रशासन ने उन्हें ऋषिकेश तक सुरक्षित पहुंचाया.
संजय चौहान ने सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा, “प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और सहायता के कारण हम सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच सके.”
वहीं, पंजाब के पर्यटक बंटी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि हम गंगोत्री धाम की पैदल यात्रा पर थे. दर्शन के बाद लौटते समय धराली गांव से चार किलोमीटर नीचे उतरते वक्त हमें पहाड़ से तेजी से पानी आता दिखा. स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी कि जल्दी से सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.
बंटी ने बताया कि चार-पांच किलोमीटर आगे जाने पर पता चला कि धराली गांव मलबे में दब गया है. प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने हमारी बहुत मदद की. उनकी त्वरित कार्रवाई ने हमें सुरक्षित निकलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हम उनका आभार जताते हैं.
उत्तराखंड प्रशासन ने इस प्राकृतिक आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों में तेजी दिखाई. फंसे हुए पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए भोजन, आवास और सुरक्षित निकासी की व्यवस्था की गई. हेलीकॉप्टर और अन्य संसाधनों के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
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एकेएस/एबीएम