मुंबई, 30 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर से लौटे पर्यटक श्रीजीत रमेशन ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुई आतंकी घटना के संबंध में एनआईए जांच में सहयोग करेंगे. श्रीजीत रमेशन ने 26 अप्रैल को दावा किया था कि उनके पास एक वीडियो है, जिसमें दो आतंकवादी दिखाई दिए थे. इस बारे में उनसे एनआईए की टीम ने संपर्क किया है.
श्रीजीत रमेशन ने बुधवार को न्यूज एजेंसी से बातचीत की. उन्होंने बताया कि कल मुझे मुंबई में एनआईए मुख्यालय से एक कॉल आया. उसके बाद, मैंने एसपी, एनआईए मुंबई, डीवाईएसपी और तकनीकी टीम सहित शीर्ष-स्तरीय अधिकारियों के साथ लगभग पांच घंटे लंबी चर्चा की. चर्चा के दौरान, उन्होंने कई विवरण मांगे कि मैंने अपनी यात्रा कैसे शुरू की, मैं कहां रुका, मैंने कौन सा होटल बुक किया, मैंने किन स्थानीय टूर ऑपरेटरों और ड्राइवरों का इस्तेमाल किया, और अन्य विस्तृत जानकारी. मैंने अपनी ओर से उन्हें सारी जानकारी साझा की है. अगर मुझे जांच के लिए दिल्ली भी बुलाया जाता है तो मैं जरूर जाऊंगा.
श्रीजीत रमेशन 26 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर से लौटे हैं. उन्होंने बताया कि वह 18 अप्रैल को पहलगाम के उसी जगह पर घूमने गए थे, जहां आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को गोलियां बरसाई थीं. यहां उन्होंने अपनी बच्ची का रील शूट किया था. महज 12 सेकंड के इस वीडियो में दो शख्स जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. टूरिस्ट का दावा है कि दोनों वही आतंकवादी हो सकते हैं जिनके स्केच सुरक्षा बलों ने घटना के बाद जारी किए थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने फोटो और वीडियो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिए हैं.
श्रीजीत रमेशन ने बताया, “हम 18 अप्रैल को पहलगाम में थे. वहां से 7.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक अन्य स्थल पर गए. गुलमर्ग में समय बिताने के बाद जब हम लोग पुणे के लिए लौट रहे थे तो हमें पहलगाम में हुए हमले के बारे में जानकारी मिली. सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवादियों की तस्वीरें जारी करने के बाद हमें लगा कि इनमें से दो शख्स को हमने कहीं देखा है.” उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने मोबाइल फोन से गुलमर्ग, पहलगाम और अन्य जगहों पर फोटो और वीडियो लिए थे. पहलगाम में बनाए गए वीडियो में उन्हें दो ऐसे शख्स दिखाई दिए जो आतंकवादी लग रहे हैं. दोनों की वेशभूषा से लगता है कि वे वही आतंकवादी हैं जिनके स्केच सुरक्षा बलों द्वारा जारी किए गए हैं. उन्होंने बताया कि पहलगाम में हमले वाले स्पॉट पर उस दिन भी एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं था, जब वह गए थे.
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डीकेएम/एएस