पर्यटन आर्थिक सशक्तीकरण, रोजगार सृजन और पलायन रोकने का माध्यम भी है : सीएम धामी

देहरादून, 15 जुलाई . Chief Minister पुष्कर सिंह धामी ने Tuesday को पर्यटन विभाग की ‘गेम चेंजर योजनाओं’ की वर्चुअल समीक्षा की. जिसमें पर्यटन नीति-2023 के तहत राज्य में हो रहे निजी निवेश, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों और स्वरोजगार से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई.

समीक्षा के दौरान Chief Minister धामी ने निर्देश दिए कि पर्यटन नीति लागू होने के बाद हुए कुल निजी निवेश, एमओयू की स्थिति एवं उनकी ग्राउंडिंग और विभिन्न पर्यटन योजनाओं में हुए निवेश का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया जाए. उन्होंने कहा कि पर्यटन सिर्फ पर्यटकों की संख्या बढ़ाने का नहीं, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण, स्थानीय रोजगार सृजन और पलायन रोकने का माध्यम है.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शीतकालीन पर्यटन के प्रचार-प्रसार और यात्रियों की सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य का भविष्य पर्यटन आधारित समावेशी विकास में निहित है, जिसे सरकार प्राथमिकता से आगे बढ़ा रही है. Chief Minister ने मसूरी और नैनीताल सहित सभी बड़े टूरिस्ट स्पॉट की कैरिंग कैपेसिटी का आकलन किए जाने के साथ नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने पर ध्यान देने को कहा.

उन्होंने ने पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक से अधिक स्थानीय परिवारों को होम स्टे से जोड़ने, तकनीकी व वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने तथा ट्रैकिंग रूट्स के निकट स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए ‘ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर होम-स्टे अनुदान योजना’ को तेजी से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए. उन्होंने ‘वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना’ की भी समीक्षा की और युवाओं को समयबद्ध ढंग से ऋण व अनुदान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. Chief Minister ने योजना से प्रेरित युवाओं, होम स्टे से जुड़े गांवों और पलायन में आई कमी का मूल्यांकन भी आवश्यक बताया.

सीएम धामी ने ‘गोल्जू कॉरिडोर’ (अल्मोड़ा, चम्पावत, घोड़ाखाल) के मास्टर प्लान के अंतर्गत कार्य प्रारंभ करने एवं रुद्रप्रयाग के धार्मिक स्थलों को एकीकृत पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने के भी निर्देश देते हुए माउंटेन बाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, एयरो स्पोर्ट्स, रिवर राफ्टिंग जैसी गतिविधियों के नियमित संचालन के लिए योजना तैयार करने, प्रचार-प्रसार के लिए विशेष बजट प्रस्तावित करने एवं स्थलों की वहन क्षमता का आकलन करने पर बल दिया. Chief Minister ने विवाह पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संभावित स्थलों की पहचान एवं प्रचार-प्रसार के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए. ‘स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन’ की अवधारणा को साकार करने के लिए गंगोत्री व ध्याणोत्थान क्षेत्र को वेलनेस एवं आध्यात्मिक हब के रूप में विकसित करने के लिए एक माह में कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा.

उन्होंने कहा कि ‘गेम चेंजर योजनाएं’ न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि राज्य के नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं. उन्होंने सभी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, अनुदानों के पारदर्शी वितरण और प्राप्त निवेश को जमीनी लाभ में बदलने के निर्देश दिए. सीमावर्ती क्षेत्रों में ‘वाइब्रेंट विलेज योजना’ के विस्तार की रणनीति तैयार करने एवं पंचायत स्तर पर थीम-आधारित ‘टूरिज्म विलेज’ विकसित करने पर भी बल दिया गया.

समीक्षा के दौरान Chief Minister को अवगत कराया गया कि ‘दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास योजना’ के अंतर्गत अब तक 1085 लाभार्थियों को लगभग 50 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा चुका है और 5331 होम स्टे पंजीकृत हो चुके हैं. जबकि वर्ष 2025-26 में 245 नए होम स्टे जोड़े जाने का लक्ष्य रखा गया है. योजना को टिहरी, नैनीताल और चमोली जिलों में विशेष सफलता मिली है. इसी प्रकार ‘ट्रैकिंग ट्रैक्शन योजना’ के माध्यम से 115 गांवों में 584 स्थानीय लाभार्थियों को जोड़ा गया है तथा 18 ट्रैकिंग सेंटर विकसित किए गए हैं. टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ इसके प्रमुख लाभार्थी क्षेत्र रहे हैं.

बैठक में बताया गया कि राज्य में 5 करोड़ रुपए से अधिक की उच्च मूल्य परियोजनाओं को आकर्षित करने और 1 करोड़ से 5 करोड़ रुपए तक के स्थानीय निवेशकों को सहयोग देने के लिए ‘पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना’ लागू की गई है. अभी तक एकल खिड़की प्रणाली के तहत 909 आवेदन पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें 70 प्रतिशत निवेशक 5 करोड़ रुपये से कम धनराशि वाले हैं. इस बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, मीनाक्षी सुन्दरम, पर्यटन सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल, उत्तराखंड स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

डीकेपी