इस्लामाबाद, 27 जुलाई . पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान (पीओजीबी) में भारी मानसूनी बारिश के कारण बाढ़ आ गई. इस बाढ़ से 10 लोगों की जान चली गई, जबकि चार लोग घायल हैं. स्थानीय मीडिया ने Sunday को यह जानकारी दी.
इस बाढ़ में 20 अरब पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) से अधिक मूल्य के इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचा है.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ओर से जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में मूसलाधार मानसूनी बारिश जारी है. मानसून की शुरुआत से अब तक मरने वालों की संख्या 266 तक पहुंच गई है.
गिलगित-बाल्टिस्तान के स्थानीय नेता हाजी गुलबर खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस बाढ़ से क्षेत्र के सात जिलों पर गहरा प्रभाव पड़ा है. यहां सड़कें, जलमार्ग, घर और कृषि भूमि नष्ट हो गई हैं.
‘द न्यूज इंटरनेशनल’ की रिपोर्ट के अनुसार, गुलबर खान सीमित संसाधन को इस आपदा की भयावहता से उबरने के लिए अपर्याप्त मान रहे हैं. उन्होंने पाकिस्तान सरकार से सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है.
गुलबर खान ने संघीय सरकार से क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए 7 अरब पाकिस्तानी रुपये प्रदान करने का अनुरोध किया है.
इस बीच, पाकिस्तान के प्रमुख मीडिया आउटलेट ‘जियो न्यूज’ ने Saturday को बताया कि भारी बारिश के बाद भूस्खलन के चलते पीओजीबी में फेयरी मीडोज रोड के कई हिस्से अवरुद्ध हो गए हैं, जबकि प्रतिकूल मौसम के कारण हवाई अभियान स्थगित कर दिया गया.
चिलास के उपायुक्त के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने घटनास्थल पर टीमें भेज दी हैं. लापता लोगों की तलाश जारी है.
मौसम विभाग के अनुसार, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) के मुजफ्फराबाद, नीलम घाटी और रावलकोट इलाकों और पीओजीबी के हुंजा और स्कार्दू क्षेत्रों में 31 जुलाई तक बारिश जारी रहने की आशंका है.
पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) ने पूरे देश में भारी बारिश, हवा और गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है. कई इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जिससे अचानक बाढ़, शहरी बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है.
भारी बारिश ने इस्लामाबाद, रावलपिंडी, गुजरांवाला, लाहौर, सियालकोट, सरगोधा, फैसलाबाद, ओकारा, नौशेरा और पेशावर के निचले इलाकों में शहरी बाढ़ की आशंकाएं भी बढ़ा दी हैं.
इस बीच, Wednesday तड़के हुई भारी बारिश के चलते लाहौर और पंजाब प्रांत के कई अन्य शहरों के निचले इलाके जलमग्न हो गए, जिससे कई इलाकों में दैनिक गतिविधियां और बिजली आपूर्ति बाधित हुई.
इसके अलावा, बारिश के कारण दर्जनों बिजली आपूर्ति बाधित हुईं. प्रमुख सड़कों पर पानी जमा हो गया, जिससे आवागमन और स्थानीय बुनियादी ढांचा बुरी तरह प्रभावित हुआ.
लाहौर में भी लगातार बारिश से कई अंडरपास और सड़कें जलमग्न हो गईं. इसके साथ ही यहां जल निकासी व्यवस्था ठप पड़ गई है.
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आरएसजी/एएस