मुंबई, 22 दिसंबर . दिल्ली के स्कूलों में बांग्लादेशी, रोहिंग्या छात्रों की पहचान करने के लिए दिल्ली नगर निगम(एमसीडी) ने एक आदेश जारी कर दिया है. इस आदेश पर जमकर राजनीति हो रही है. सत्ता पक्ष जहां इसे सही बता रहा है, तो वहीं विपक्ष इसे शिक्षा के मंदिर पर चोट बता रहा है.
इस मामले पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा कि यह अच्छा फैसला है और यह होना चाहिए. बांग्लादेश की रचना हम लोगों ने की है. लेकिन, उस देश के लोग हमारे लोगों पर हमला करने लगे हैं. इस्कॉन के आचार्य को गिरफ्तार करने लगे हैं. हमारे मंदिरों पर आक्रमण किया जा रहा है. मैंने एक बांग्लादेशी नेता का बयान देखा, जिसमें कहा गया था कि भारत को बिहार, बंगाल और ओडिशा को उन्हें सौंप देना चाहिए. यह बात उस देश से आ रही है, जो अपने लोगों को खिलाने के लिए संघर्ष कर रहा है और जिसका अस्तित्व काफी हद तक भारत पर निर्भर है. इसलिए बहुत जरूरी है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. जिससे बांग्लादेश अपनी हद में रहे. आज बांग्लादेश में हालात खराब हो गए हैं. खाने के लिए अनाज नहीं है. भारत से बांग्लादेश ने 50 लाख टन चावल मांगा है. बांग्लादेश को एक पाठ पढ़ाने के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
एआईएमआईएम के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील के खिलाफ एफआईआर पर उन्होंने कहा कि अगर कोई आपके देश के गृह मंत्री के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना चाहिए. हालांकि, इम्तियाज जलील और अन्य लोग जो इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं, वे मूल रूप से अपनी हार से निराश हैं. अपनी हताशा से निपटने के लिए, वे इन हथकंडों का सहारा ले रहे हैं.
बीएमसी चुनाव पर संजय राउत के बयान पर उन्होंने कहा है कि उनका गढ़ तो अब टूट चुका है. महाविकास अघाड़ी का एक बेमेल रिश्ता है. दोनों का रिश्ता लंबे समय तक नहीं चल सकता है. उद्धव ठाकरे को विधानसभा चुनाव के बाद यह समझ में आ गया है कि पार्टी में बिखराव हुआ और इससे बचना है तो मुस्लिम वोट की आवश्यकता है. मुस्लिम वोट के लिए उन्होंने कांग्रेस से समझौता किया. कांग्रेस के जरिए उन्होंने मुस्लिम वोटों पर अपनी पकड़ बना ली है. कांग्रेस को भी यह समझ आ गया कि शिवसेना के साथ गठबंधन करना गलत फैसला था. महाविकास अघाड़ी आगे चलकर टूटकर बिखर जाएगी.
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डीकेएम/