जमशेदपुर, 14 सितंबर . Jharkhand के पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने हेमंत सोरेन Government पर हमला बोला. बिष्टुपुर के एक्सएलआरआई आडिटोरियम में Sunday को आदिवासी महादरबार का आयोजन किया गया. यह आयोजन आदिवासी सांवता सुसार अखाड़ा की ओर से किया गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें अपनी परंपरा, संस्कृति को बचाए रखने के लिए आगे बढ़कर लड़ना पड़ेगा.
पूर्व Chief Minister चंपई सोरेन ने कहा कि हमने विश्व आदिवासी दिवस में घोषणा की गई थी कि नगड़ी ग्राम में हल जोतेगे. राज्य Government में दम है, तो चंपई सोरेन को रोककर दिखाए. उन्होंने कहा कि कोल्हन, संथाल सहित विभिन्न जिलों में इसे रोकने के लिए छावनी बना दिया गया था. लेकिन नगड़ी में हमारी जीत हुई, वहां पर हल जोता गया.
उन्होंने कहा कि बाबा तिलका मांझी से लेकर वीर सिद्धू कानू, चांद भैरव और भगवान बिरसा मुंडा ने जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ी है. हमारे पूर्वजों ने कभी किसी की गुलामी नहीं सही. हमें भी अपनी परंपरा और संस्कृति को बचाए रखने के लिए आगे बढ़कर लड़ना पड़ेगा. जमीन दो तरह की होती है. इसमें से एक पुतैनी जमीन है, जिसे हम खरीद कर नहीं लेते हैं. दूसरी पैतृक जमीन होती है जिसे खरीद कर लेते हैं. आज आदिवासी समाज के लोगों की जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है.
सरना समिति की उपाध्यक्ष महिला वक्ता निशा उरांव ने कहा कि पेसा कानून को पिछले 15 सालों से लागू करने की लड़ाई लड़ी जा रही थी, लेकिन इस लड़ाई में पेसा कानून को लागू करने के स्थान पर छठी अनुसूची के तहत चुनाव कराने की व्यवस्था की मांग हो रही थी. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि तुरंत पेसा कानून लागू किया जाए.
इस आयोजन में Jharkhand, बंगाल और उड़ीसा के करीब दो हजार से अधिक माझी बाबा ने शिरकत की. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व Chief Minister चंपई सोरेन सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम में सामाजिक, सांस्कृतिक, Political एवं संवैधानिक पहलुओं पर चर्चा की गई.
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एएसएच/डीएससी