New Delhi, 16 अक्टूबर . भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने ‘पर्दानशीं’ (बुर्का पहनने वाली) महिलाओं के संबंध में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन के 1994 के फैसले को बिहार विधानसभा चुनाव में लागू करने का निर्णय लिया है.
‘राज्य विधानसभाओं के आम चुनाव (1994) महिला मतदाताओं के लिए मतदान केंद्रों में विशेष सुविधाएं’ वाले ईसीआई आदेश का हवाला देते हुए आयोग ने जोर दिया कि बिहार में पर्दानशीं महिलाओं के लिए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन के 1994 के निर्णयों को लागू किया जा रहा है.
1994 में टीएन शेषन ने विशेष दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसमें मतदान अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि वे ऐसी संवेदनशीलताओं का सम्मान करते हुए ऐसी व्यवस्थाएं करें, ताकि महिलाएं बिना किसी डर या पहचान संबंधी चुनौतियों के अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त के 1994 के आदेश के अनुसार, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग ऑफिसर, सहायक रिटर्निंग ऑफिसर और प्रेसाइडिंग ऑफिसर यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं कि महिला मतदाताओं को लेडी स्टाफ की उपस्थिति में मतदान करने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाएं.
आदेश में कहा गया कि जहां महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है (लगभग 50 प्रतिशत या उससे अधिक) और वे सामाजिक परंपरा के रूप में बुर्का या पर्दा प्रथा का पालन करती हैं, ऐसे प्रत्येक मतदान केंद्र पर कम से कम एक मतदान अधिकारी महिला होनी चाहिए.
आदेश में यह भी कहा गया, “अगर महिला अधिकारी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं हैं तो रिटर्निंग ऑफिसर या प्रिसाइडिंग ऑफिसर को नियम 34(2) के तहत मतदान केंद्र पर किसी महिला को सहायक के रूप में नियुक्त करने का अधिकार है.”
बता दें कि बिहार में दो चरण में विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं. पहले चरण में 6 नवंबर और दूसरे चरण में 11 नवंबर को मतदान होगा. इसके बाद 14 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित किए जाएंगे.
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डीसीएच/डीकेपी