कोलकाता गैंगरेप मामले में टीएमसी नेता का बयान दुर्भाग्यपूर्ण : आनंद दुबे

मुंबई, 29 जून . कोलकाता गैंगरेप मामले में टीएमसी सरकार के लिए उनके नेताओं के विवादित बयान गले की फांस बन गए हैं. टीएमसी नेता मदन मित्रा के विवादित बयान पर भाजपा ममता बनर्जी की सरकार पर हावी हो गई है और इस्तीफे की मांग कर रही है. इस पूरे मामले पर बंगाल में जमकर राजनीति हो रही है. इस मामले में शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने टीएमसी नेता के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.

आनंद दुबे ने रविवार को समाचार एजेंसी से बातचीत की. उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. नेताओं को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए. ममता बनर्जी निश्चित रूप से इस मामले का संज्ञान लेंगी और इसे टीएमसी का आधिकारिक बयान नहीं माना जा सकता. इस बयान की हम घोर निंदा करते हैं.

दुबे ने कहा कि हमारी माताएं-बहनें देश में कहीं भी स्वतंत्र रूप से घूम सकती हैं. इसका मतलब यह नहीं कि उनके साथ गलत व्यवहार किया जाए. यह कानून-व्यवस्था का विषय है, जिसमें सुधार जरूरी है. दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

टीएमसी नेता मदन मित्रा ने शनिवार को विवादित बयान देते हुए कहा था कि अगर लड़की वहां नहीं जाती, तो यह घटना कभी नहीं होती. अगर उसने किसी को बताया होता कि वह कहां जा रही है, अपने साथ कुछ दोस्तों को ले गई होती, तो यह घटना नहीं होती.

संघ के सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले के बयान को लेकर दुबे ने कहा कि भारत के संविधान में बाबा साहेब अंबेडकर ने सभी धर्मों और जातियों का ध्यान रखा है. जिस तरह से उनका बयान सामने आया है, कहीं न कहीं देश को बांटने जैसा प्रतीत होता है.

बिहार विधानसभा चुनाव पर आनंद दुबे ने कहा कि बिहार में चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं, बल्कि पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रहा है. यह गंदी राजनीति का संकेत है. यह कैसी राजनीति है. चुनाव में बहुत कम समय रह गया है.

डीकेएम/एबीएम