नई दिल्ली, 3 अक्टूबर . सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को तिरुपति के लड्डुओं में पशु चर्बी के कथित इस्तेमाल से जुड़े विवाद की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 4 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी.
न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता के अनुरोध पर सुनवाई शुक्रवार सुबह तक स्थगित करने का फैसला किया.
पिछली सुनवाई में एसजी मेहता से यह निर्देश प्राप्त करने को कहा गया था कि क्या आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को विवाद की जांच करने की अनुमति दी जानी चाहिए या जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जानी चाहिए.
इस बीच, मामला शीर्ष अदालत की निगरानी में आने के बाद आंध्र प्रदेश पुलिस ने तिरुपति लड्डू में कथित मिलावट के मामले में एसआईटी जांच को अस्थायी रूप से जांच से रोक दिया है.
सोमवार को हुई पहली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे पता चले कि आंध्र प्रदेश में पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान तिरुपति के लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था. कोर्ट ने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को बिना तथ्यों के आधार पर सार्वजनिक बयान देने से पहले ईश्वर को राजनीति से दूर रखना चाहिए था.
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, “प्रथम दृष्टया हमारा मानना है कि एक उच्च संवैधानिक पदाधिकारी द्वारा सार्वजनिक रूप से ऐसा बयान देना उचित नहीं था, जिससे करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं. वह भी तब जब लड्डू बनाने में मिलावटी घी का इस्तेमाल किए जाने की जांच चल रही थी.”
न्यायालय ने टिप्पणी की कि यदि राज्य सरकार ने एसआईटी जांच का आदेश दिया था, तो मुख्यमंत्री को कोई सार्वजनिक बयान नहीं देना चाहिए था.
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बयान सीएम चंद्रबाबू नायडू ने 18 सितंबर को दिया था, जो “25 सितंबर को एफआईआर दर्ज होने और अगले दिन एसआईटी गठित होने से भी पहले की बात है.”
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आरके/जीकेटी