उर्वरकों की समय रहते उपलब्धता सुनिश्चित की जाए : मुख्यमंत्री मोहन यादव

भोपाल, 28 दिसंबर . मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि यूरिया, डीएपी जैसे रासायनिक उर्वरकों की समय रहते उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए गौवंश आधारित जैव उर्वरकों के उपयोग को प्रदेश में प्रोत्साहित किया जाए. कृषक, पारंपरिक अनुभव और स्वयं की पहल पर बड़े पैमाने पर जैविक खाद का उपयोग कर रहे हैं. यह मिट्टी की गुणवत्ता और धरती की सेहत के लिए भी लाभप्रद है.

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में उर्वरक प्रबंधन की समीक्षा के दौरान कहा कि उपयोग की जा रही जैविक खाद की मात्रा की गणना और दस्तावेजीकरण की आवश्यकता है. इस आधार पर प्रदेश में जैविक खाद के उपयोग को बढ़ाने के लिए कृषकों को प्रोत्साहित करने का मॉडल विकसित किया जाए. राज्य की यह पहल अन्य प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय होगी. रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए जैविक तथा प्राकृतिक खाद जैसे विकल्प किसानों को उपलब्ध कराए जाएं.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि किसानों को फसल चक्र के अनुसार समय रहते उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए उर्वरक वितरण के प्रमुख केंद्रों पर अग्रिम भंडारण सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए कार्य योजना विकसित करने के निर्देश दिए गए.

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में फसलों की बुवाई लगभग 97 प्रतिशत है. वर्तमान वर्ष में यूरिया, एनपीके, एसएसपी और एमओपी उर्वरकों की उपलब्धता गत चार वर्षों में सर्वाधिक है. वर्तमान तक उपलब्ध 35 लाख 68 हजार मीट्रिक टन में से 32 लाख मीट्रिक टन से अधिक यूरिया का वितरण हो चुका है.

इसी प्रकार 9 लाख 29 हजार मीट्रिक टन एनपीके, 10 लाख 58 हजार मीट्रिक टन एसएसपी, 91 हजार मीट्रिक टन एमओपी वितरित हो चुका है. इसी प्रकार 10 लाख 82 मीट्रिक टन डीएपी और 20 लाख 11 हजार मीट्रिक टन डीएपी एवं एनपीके वितरित किया जा चुका है. बैठक में विभिन्न जिलों में मासिक उर्वरक व्यवस्था पर चर्चा हुई तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए.

समत्व भवन में हुई बैठक में सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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