चेन्नई, 14 फरवरी . मद्रास विश्वविद्यालय, भारथिअर विश्वविद्यालय और तमिलनाडु शिक्षा विश्वविद्यालय का कामकाज इन विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में देरी के कारण प्रभावित हो रहा है.
कुलपतियों की नियुक्ति न होने से संबंधित मुद्दा मुख्य रूप से तमिलनाडु के राज्यपाल, जो विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं, और द्रमुक के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के बीच झगड़े के कारण था.
राजभवन ने पहले जोर देकर कहा था कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के एक प्रतिनिधि को तीन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के लिए खोज सह चयन पैनल में शामिल किया जाना है.
हालाँकि, बाद में राजभवन ने उस मानदंड को वापस ले लिया और इसके बाद भी, तीन विश्वविद्यालयों में कुलपति पद की रिक्ति को भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.
इसके कारण तमिलनाडु के तीन राज्य विश्वविद्यालयों का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसमें सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति, अस्थायी शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति, केंद्रीय निधि के लिए आवेदन करना और यहां तक कि दीक्षांत समारोह आयोजित करना भी शामिल है.
तमिलनाडु के नये उच्च शिक्षा मंत्री आर.एस. राजकन्नप्पन ने यह भी आश्वासन दिया कि तीन कुलपतियों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी.
तमिलनाडु शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने को बताया कि कुलपतियों की नियुक्ति में राजभवन और राज्य सरकार के बीच कोई लड़ाई नहीं थी. हालाँकि, उन्होंने कुलपतियों की नियुक्तियों में देरी के सटीक कारण पर अनभिज्ञता जताई.
संपर्क करने पर राजकन्नप्पन ने को बताया कि जल्द ही तीनों विश्वविद्यालयों में वीसी की नियुक्ति की जाएगी. हालांकि, उन्होंने नियुक्तियों में देरी के कारणों के बारे में विस्तार से नहीं बताया.
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एकेजे/