जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में जारी मुठभेड़ में तीन आतंकवादी ढेर (लीड-1)

जम्मू, 11 सितंबर . जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के बसंतगढ़ के ऊपरी इलाकों में बुधवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए.

अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन द्वारा ली गई फुटेज में तीन शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं.

सुरक्षाबलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस को पहले बसंतगढ़ इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद उन्होंने अभियान शुरू किया.

एक अधिकारी ने कहा, “जब सुरक्षाबल छिपे हुए आतंकवादियों के करीब पहुंचे, तो उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी. इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. मारे गए तीन आतंकवादियों के शव अब तक बरामद नहीं हुए हैं, क्योंकि तलाशी दल पर बचे हुए आतंकवादियों की ओर से गोलीबारी की गई. इलाके में अतिरिक्त बल भेजा गया है.”

सुरक्षा बल कड़ी निगरानी रख रहे हैं और आतंकवादियों पर नजर रखने के लिए हवाई साधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि चिनाब घाटी में डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों के आठ विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिलों की 16 सीटों पर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 सितंबर को मतदान होगा.

जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को दूसरे और तीसरे चरण के तहत मतदान होगा.

जम्मू संभाग के पुंछ, राजौरी, डोडा, कठुआ, रियासी और उधमपुर के पहाड़ी जिलों में पिछले दो महीनों में सेना, सुरक्षाबलों और आम नागरिकों के खिलाफ आतंकवादी हमले हुए हैं.

ऐसी रिपोर्ट मिलने के बाद कि इन हमलों के लिए 40 से 50 की संख्या में कट्टर विदेशी आतंकवादियों का एक समूह जिम्मेदार है, सेना ने चार हजार से अधिक प्रशिक्षित सैनिकों को तैनात किया है जिनमें इन जिलों के घने जंगलों में स्थित पर्वतीय युद्ध में प्रशिक्षित पैरा कमांडो शामिल हैं.

आतंकवादियों ने इन पहाड़ी इलाकों में गुरिल्ला हमलों की रणनीति अपनाई है. हमला करने के बाद वे जंगलों में छिप जाते हैं.

हालांकि, सेना और सीआरपीएफ की तैनाती के साथ-साथ स्थानीय लोगों द्वारा प्रबंधित ग्राम रक्षा समितियों (वीडीसी) को मजबूत करने से हाल के दिनों में आतंकवादियों औचक हमलों को रोकने में मदद मिली है.

जम्मू संभाग और कश्मीर घाटी दोनों में सुरक्षाबलों द्वारा आतंकवादियों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने के बाद, अब आतंकवादियों के मुठभेड़ की घटनाएं बढ़ रही हैं.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “वे या तो ऐसी मुठभेड़ों के दौरान मारे जाते हैं या भाग जाते हैं.”

एकेजे/