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रायपुर, 5 नवंबर . छत्तीसगढ़ में माओवादी विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों ने बीजापुर जिले के घने जंगलों में चल रही मुठभेड़ के दौरान कथित तौर पर तीन माओवादी विद्रोहियों को मार गिराया.
Police सूत्रों ने बताया कि यह झड़प Wednesday को तेलंगाना की सीमा के निकट तारलागुडा क्षेत्र में हुई, जहां Police और अर्धसैनिक बलों की संयुक्त टीमें तलाशी अभियान चला रही हैं. हालांकि, आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि घटनास्थल से तीन माओवादियों के शव बरामद कर लिए गए हैं और हथियार भी जब्त कर लिए गए हैं.
बताया जा रहा है कि यह मुठभेड़ अन्नाराम और मरिमल्ला गांवों के बीच जंगली इलाके में हो रही है, जो माओवादी गतिविधियों और दुर्गम इलाकों के लिए जाना जाता है. Police दल जंगल में तैनात हैं और Wednesday शाम तक अभियान अभी भी सक्रिय था.
खुफिया जानकारी से पहले ही क्षेत्र में सशस्त्र आतंकवादियों की गतिविधि का संकेत मिला था, जिसके बाद जिला रिजर्व गार्ड और विशेष कार्य बल इकाइयों ने त्वरित प्रतिक्रिया दी.
दोपहर में जारी एक बयान में कहा गया था कि बीजापुर क्षेत्र में सुरक्षा बलों की कई टुकड़ियां सक्रिय रूप से अभियान में लगी हुई हैं. फिलहाल स्थिति पूरी तरह सामान्य है. अभियान से संबंधित किसी भी महत्वपूर्ण परिणाम की जानकारी समय पर प्रदान की जाएगी.
प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि माओवादी अंतर्राज्यीय सीमा पर सक्रिय स्थानीय क्षेत्रीय समितियों से संबंधित हो सकते हैं. हथियारों और गोला-बारूद की जब्ती से एक सशस्त्र समूह की उपस्थिति का पता चलता है, जिसका काम संभवतः क्षेत्र में चल रहे विकास प्रयासों को बाधित करना है.
यह घटना राज्य और केंद्र Government दोनों द्वारा उग्रवाद-विरोधी प्रयासों में तेज़ी के बीच हुई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में मार्च 2026 तक India से माओवाद के खात्मे के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता दोहराई.
छत्तीसगढ़ में भाजपा Government बनने के बाद से, 2,100 से अधिक माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, 1,785 को गिरफ्तार किया गया है और विभिन्न अभियानों में 477 मारे गए हैं.
‘आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025’ और ‘नियाद नेल्ला नार योजना’ जैसे कार्यक्रमों का उद्देश्य पूर्व माओवादियों को आजीविका सहायता और सामाजिक पुनर्एकीकरण प्रदान करके उन्हें मुख्यधारा के समाज में शामिल करना है.
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पीएसके