कोलकाता, 23 अक्टूबर . भूमिगत संगठन कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ) द्वारा उत्तर बंगाल में स्थानीय व्यापारियों को भारी फिरौती की मांग करने वाले धमकी भरे पत्र, जो वास्तव में एक भूला हुआ अध्याय बन चुके थे, फिर से लौटते दिख रहे हैं.
हाल ही में, अलीपुरद्वार जिले के एक व्यवसायी बिनय कुमार दास को कथित तौर पर केएलओ द्वारा भेजा गया एक धमकी भरा पत्र मिला, जिसमें उनसे 10 लाख रुपये की मांग की गई थी.
उन्होंने स्थानीय पुलिस को मामले की सूचना दी है और वह बेहद तनाव में हैं, क्योंकि उनका निवास और व्यापार केंद्र पश्चिम बंगाल-असम सीमा के करीब स्थित है.
धमकी भरा पत्र व्हाट्सएप के जरिए भेजा गया है. लिखित शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
दिग्गजों ने पुष्टि की कि केएलओ की ओर से स्थानीय व्यापारियों से फिरौती की रकम मांगने वाले ऐसे धमकी भरे पत्र 2003 से पहले आम थे, जब भारत सरकार के दबाव में रॉयल भूटान आर्मी ने असम स्थित अलगाववादी और विद्रोही समूहों के खिलाफ ‘ऑपरेशन ऑल क्लियर’ शुरू किया था.
हालांकि, धीरे-धीरे यह एक भूला हुआ अध्याय बन गया.
जिला पुलिस सूत्रों ने कहा कि वे हालिया घटनाक्रम के बीच इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं, जिसमें अलग कामतापुर राज्य की मांग करने वाली एक स्वतंत्र समिति कामतापुर राज्य मांग समिति ने केंद्र और प्रतिबंधित केएलओ के बीच तुरंत शांति वार्ता शुरू करने की मांग की है.
समिति ने यह भी मांग की है कि हाल ही में आत्मसमर्पण करने वाले केएलओ महासचिव कैलाश कोच, जो इस समय पश्चिम बंगाल में न्यायिक हिरासत में हैं, को भी शांति वार्ता में शामिल किया जाना चाहिए.
समिति ने शांति वार्ता शुरू करने की जरूरत को उजागर करने के लिए एक व्यापक जन जागरूकता अभियान शुरू करने का भी निर्णय लिया है.
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एसजीके