‘जिन्हें अपने कृत्यों से दुर्गंध नहीं आती, उन्हें गौमाता की सेवा में दुर्गंध ही नजर आएगी’, सीएम योगी का अखिलेश को जवाब

बरेली, 1 अप्रैल . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के ‘गौशाला की दुर्गंध’ बनाम ‘इत्र की सुगंध’ वाले बयान का पहली बार जवाब दिया है. उन्होंने सपा प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्हें अपने कृत्यों से दुर्गंध नहीं आती है, उन्हें गौमाता की सेवा में दुर्गंध ही नजर आएगी.

सीएम योगी ने बरेली कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”मां गंगा की पूजा करने का जो पुण्य प्राप्त हुआ, वही गौ माता की पूजा करने से प्राप्त होगा. समाजवादी पार्टी के लोग जो गोकशी करवाते थे, गोतस्करों और कसाइयों के साथ जिनके संबंध थे, वो गौ माता की सेवा करना क्या जानें, उन्हें गौ माता के गोबर में दुर्गंध ही नजर आएगी. उन्हें अपने कृत्यों से दुर्गंध नहीं दिखाई देती है, उन्हें गौ माता की सेवा में दुर्गंध नजर आती थी. इसीलिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष के मुंह से आखिर निकल ही गया.”

बीते दिनों सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था, “कन्नौज में हमने भाईचारे की खुशबू फैलाई है. दूसरी तरफ भाजपा नफरत की बदबू फैलाती है. मैं कन्नौज के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे भाजपा द्वारा फैलाई गई इस दुर्गंध को दूर करें, कुछ हद तक यह पहले ही साफ हो चुकी है, लेकिन अगले चुनाव में इसे पूरी तरह से हटा दें ताकि कन्नौज का रुका हुआ विकास आगे बढ़ सके. भाजपा के लोग दुर्गंध पसंद करते हैं, इसीलिए गौशाला बना रहे हैं. हम सुगंध पसंद कर रहे थे, इसलिए इत्र पार्क बना रहे थे.”

सीएम योगी ने मंगलवार को बरेली में स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ किया. इस दौरान के उन्होंने स्कूली बच्चों को किताबें और किट भी बांटी. इसके साथ ही सीएम योगी ने 932 करोड़ रुपए की 132 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘स्कूल चलो अभियान’ के तहत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “2017 में जब बेसिक शिक्षा परिषद की स्थिति को हमने देखा था, उस समय बेसिक शिक्षा परिषद की स्थिति बेहद खराब थी. तमाम स्कूल बंदी की कगार पर जा रहे थे. स्मार्ट क्लास और डिजिटल लाइब्रेरी की बात तो दूर की कौड़ी थी. आज मुझे बताते हुए प्रसन्नता हो रही है, उत्तर प्रदेश में 2017 में 1 करोड़ 34 लाख बच्चों ने केवल नामांकन करवाया था, जिसमें से 60 प्रतिशत बच्चे ऐसे थे, जो कभी स्कूल नहीं जाते थे.”

उन्होंने बताया कि स्कूल की कायाकल्प होने के बाद उत्तर प्रदेश के अंदर आज के दिन पर बीते साल हमने 1 करोड़ 91 लाख बच्चों के प्रत्येक अभिभावक को डीबीटी के माध्यम से अकाउंट में 1,200 रुपए भेजने का काम किया गया है. बैग, किताब, स्कूल ड्रेस आदि अनिवार्य रूप से बच्चों को सरकार द्वारा दिया जाने लगा है और आज बच्चों के मन में आता है कि हां मैं भी इस समाज का नागरिक हूं.

एसके/एबीएम