पटना, 26 नवंबर . देश आज यानी 26 नवंबर को संविधान दिवस मना रहा है. इस अवसर पर राज्य के विधि मंत्री नितिन नवीन ने विपक्ष पर अपने हिसाब से संविधान बदलने का आरोप लगाया.
उन्होंने से बात करते हुए कहा, “जब से इस देश में लोकतंत्र की स्थापना हुई, संविधान को हमेशा एक मार्गदर्शक के रूप में अपनाया गया है. जो लोग संविधान की दुहाई देकर काम करने की बात करते हैं, उन लोगों ने केवल अपने फायदे के लिए संविधान में बदलाव किया है. हम भी पूरी श्रद्धा से मानते हैं कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा तैयार किया गया संविधान ही इस देश का मार्गदर्शन करता है, और इसी के तहत देश को चलाना चाहिए. संविधान की धारा और कानून चेहरे देखकर नहीं बदलते, और न ही किसी व्यक्ति के आधार पर निर्णय होते हैं. दुर्भाग्यवश, कुछ लोग समाज, धर्म, और क्षेत्र के आधार पर कानून को अलग-अलग ढंग से परिभाषित करते हैं, लेकिन संविधान सभी के लिए समान है और इसका उद्देश्य सभी को समान अधिकार और अवसर देना है.”
उन्होंने आगे कहा, “हम संसाधनों की बात करें, तो इसे धर्म या क्षेत्र के आधार पर क्यों विभाजित किया जाता है? क्यों न हम विकास को पूरे देश के दृष्टिकोण से देखें, न कि किसी खास इलाके के हिसाब से. जो लोग संविधान की बात करते हैं, उन्हीं लोगों ने वर्षों तक सत्ता का दुरुपयोग किया, और संविधान की मूल धारा, जो कहती है कि अंतिम व्यक्ति का विकास होना चाहिए, उस पर कभी ध्यान नहीं दिया. वे गरीबी हटाने की बात करते थे, लेकिन गरीबों को ही दरकिनार करते गए. यह तक कि वे कहते थे कि एक रुपया भेजने पर 15 पैसे ही जनता तक पहुंचते हैं.”
उन्होंने कहा, “आज नरेंद्र मोदी ने संविधान की मूल भावना को साकार किया है. उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि केंद्र से भेजा गया एक-एक रुपया जनता तक पहुंचे. यह बदलाव समय के अनुसार जरूरी था, और संविधान में बदलाव की प्रक्रिया हमेशा रही है.”
आगे उन्होंने आरक्षण पर कहा, “मैं मानता हूं कि इस देश में संविधान ने हमेशा आरक्षण की रक्षा की है और भविष्य में भी करेगा.”
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पीएसएम/