चारधाम यात्रा करने वालों को मिलेगी हर सुविधा, भाजपा सरकार का है वादा : सीएम धामी (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 24 अप्रैल . उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने से खास बातचीत में कहा कि चारधाम यात्रा करने वाले यात्रियों को हर सुविधा मिलेगी.

सीएम धामी के मुताबिक, “पर्यटन उत्तराखंड का एक बहुत बड़ा आधार है, जहां चारधाम यात्रा में 56 लाख लोगों ने पिछले वर्ष दर्शन किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश के दौरे के बाद से तेजी से लोगों का आवागमन भी वहां बढ़ा है और मानस खंड की यात्रा भी चारधाम यात्रा की तरह चलेगी, तो पूरे प्रदेश के अंदर आवागमन बहुत बड़ा होने वाला है. उनकी सुविधाएं अच्छी हो, उनकी यात्रा अच्छी हो, सुरक्षित हो. चूंकि आगे चलकर यात्रा हर वर्ष बढ़ रही है, अवस्थापना स्ट्रक्चर संरचनाएं अच्छी बनी है, उसको हम चुनौती के रूप में लेते हुए काम कर रहे हैं. उसमें पार्किंग, आवास, परिवहन, कानून व्यवस्थाएं और अन्य सुविधाएं हैं, हम सभी को देख रहे हैं. चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा इन सबमें बड़ी संख्या में लोग आते थे.”

2025 तक उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के संकल्प पर सीएम धामी ने कहा, “समान नागरिक संहिता, प्रदेश के अंदर नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून है, अतिक्रमण हटाओ अभियान, ये सब शामिल है. इसके साथ-साथ ग्लोबल इन्वेस्टर समिट है. राज्य के अंदर 30 से अधिक नीतियां हमने बनाई हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हम काम कर रहे हैं. हमने उत्तराखंड इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बोर्ड बनाया. पूरे प्रदेश के अंदर आज चारधाम का विकास हो रहा है. रेलवे के क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है. इसके साथ-साथ हवाई सेवाओं के क्षेत्र में काम हो रहा है, रोड कनेक्टिविटी बढ़ रही है, रोपवे का नेटवर्क तेजी से बनाया जा रहा है. स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से काम हो रहा है. आज केंद्र के सहयोग से लगातार राज्य के अंदर अनेक योजनाओं पर काम हो रहा है और प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा है कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा. उस दशक को बनाने के लिए हम लोग काम कर रहे हैं. उनके विजन को धरातल पर उतार रहे हैं.”

सीएम धामी ने कहा, “हमारे यहां भौगोलिक परिस्थितियां बड़ी भिन्न प्रकार की हैं. जहां हमारे यहां कुमाऊं, गढ़वाल का अधिकार क्षेत्र पर्वतीय क्षेत्र है. कहीं बीच का पहाड़ है, कहीं तराई है, कहीं भावर है और कहीं पूरा मैदान है तो यह भिन्न-भिन्न भौगोलिक परिस्थितियों का हमारा राज्य है. हम पूरे राज्य के अंदर जब भी काम करते हैं तो दोनों क्षेत्रों के लिए यह हम लोगों के पूरी तरह से सेटअप में है कि वहां की विकास योजनाएं हैं या वहां के रोजगार से संबंधित अन्य सुविधाओं से संबंधित हो. उसी के आधार पर योजनाएं बन रही.”

उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग और टूरिस्ट की बढ़ोतरी पर उन्होंने कहा, “जब लोग देखते हैं, अच्छा पर्यावरण है, अच्छी आबोहवा, अच्छा परिवेश जंगलों से आच्छादित है, नदियों से आच्छादित है, पर्वतों से आच्छादित है और देवों से आच्छादित है तो जिधर देखो उधर कोई न कोई डेस्टिनेशन दिखाई देता है. दिल्ली के नजदीक है, एनसीआर के नजदीक है, हवाई कनेक्टिविटी है, रेल कनेक्टिविटी है, सड़क कनेक्टिविटी अच्छी है, कानून-व्यवस्था अच्छी है. तो, लोगों ने देखा और बड़ी संख्या में आ रहे. 200 से भी ज्यादा फिल्में गत वर्ष में राज्य में बनी है और आगे भी बन रही है, हम सबको सुविधाएं भी दे रहे हैं. हमने सब्सिडी का भी प्रावधान किया है. अन्य प्रावधान भी कर रहे हैं.”

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