New Delhi, 7 अगस्त . अमेरिका ने India पर टैरिफ को बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया है, जिस पर केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए के नेताओं ने नाराजगी जताई है. BJP MP दिनेश शर्मा ने यहां तक कहा है कि यह युवा India है, यह झुकता नहीं है. निश्चित रूप से किसान और डेयरी हितों को देखते हुए दूसरे देशों से समझौता होगा.
BJP MP दिनेश शर्मा ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, “नया India किसी देश से संबंधों को खराब नहीं करता है, लेकिन अपने हितों को ताक पर रखकर किसी से समझौता नहीं करता है. India कृषि प्रधान देश है और उनके लिए Government ने काम किए हैं. निश्चित रूप से किसान और डेयरी हितों को देखते हुए दूसरे देशों से समझौता होता है.”
अमेरिकी टैरिफ के India पर पड़ने वाले असर को लेकर दिनेश शर्मा ने कहा, “टैरिफ का असर India पर क्या होगा, यह भविष्य के गर्त में है, लेकिन India पर दबाव का असर नहीं होगा. Prime Minister मोदी ऐसे दबावों को बेअसर कर देते हैं.” उन्होंने दावा किया कि जो देश टैरिफ की बात करते हैं, उनके लिए India से निर्यात बहुत कम ही है.
BJP MP शशांक मणि त्रिपाठी ने भी अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को बताया ठहराया. उन्होंने कहा कि कोई देश किसी और देश पर इसलिए टैरिफ लगाए, क्योंकि उसका रिश्ता तीसरे देश से है, तो यह गलत है.
उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि आप किसी देश को दंडित नहीं कर सकते हैं. India दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. हमारा भी स्वाभिमान है. हालांकि, इस दौरान शशांक मणि त्रिपाठी बोले, “डोनाल्ड ट्रंप ने 21 दिन की मोहलत दी है, लेकिन विश्वास है कि वे 25 प्रतिशत टैरिफ की बढ़ोतरी को वापस लेंगे.” उन्होंने मांग रखते हुए आगे कहा कि वे डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी प्रशासन से आग्रह करते हैं कि टैरिफ को वापस लें.
इस बीच, अमेरिकी टैरिफ पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि जो किसान हित में होगा, Government वही कदम उठाएगी. Prime Minister वही कर रहे हैं.
एनडीए में सहयोगी टीडीपी के सांसद लावू श्रीकृष्ण देवरायलु ने कहा, “वे (अमेरिका) हमारे कृषि और डेयरी क्षेत्रों को खोलने की मांग कर रहे हैं, जिसकी हम अनुमति नहीं दे सकते. अगर हम भारतीय बाजार को ऐसे आयातों के लिए खोल देते हैं, तो हमारा कृषि क्षेत्र अनिवार्य रूप से ध्वस्त हो जाएगा. इसके अलावा, ये जीएम फसलें पेटेंटेड हैं और एक बार जब ये कंपनियां अपने पेटेंटेड बीजों के माध्यम से हमारी कृषि भूमि पर नियंत्रण हासिल कर लेंगी, तो मूल्यांकन और स्वामित्व का लाभ उनके पास चला जाएगा.”
–
डीसीएच/