गाजियाबाद, 6 फरवरी . केरल के चेरुकोलपुझा हिंदू एकता सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि एकजुट समाज ही फलता-फूलता है और हिंदू समाज तभी समृद्ध हो सकता है, जब वह एकजुट रहेगा. इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि हिंदुओं में एकता लाना जरूरी है, क्योंकि हिंदू एकता का अर्थ भारत की एकता और राष्ट्र की एकता है.
इसके बाद उन्होंने भागवत के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि यदि राष्ट्र को संगठित रखना है, तो हिंदुओं को संगठित होना पड़ेगा.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल को लेकर भी आचार्य प्रमोद कृष्णम ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि परिवर्तन संसार का नियम है, जो आज है, वह कल नहीं रहेगा और जो कल है, वह आगे नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि यह सनातन का दौर है और जो सनातन के साथ रहेगा, वही सत्ता में आएगा. दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर कई एग्जिट पोल जारी किए गए हैं, जिनमें भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया है. इन एग्जिट पोल्स के मुताबिक, आम आदमी पार्टी (आप) की सीटें आधी तक घट सकती हैं, जबकि कांग्रेस को एक भी सीट मिलने की संभावना नहीं जताई गई है.
तिरुपति बालाजी मंदिर में 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने के फैसले पर भी आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि यह मामला आस्था से जुड़ा है और इसे राजनीतिक रूप नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कोई हिंदू चर्च या मस्जिद में जाकर धार्मिक सेवा नहीं कर सकता, उसी प्रकार मंदिर में भी गैर-हिंदू कर्मचारियों की नियुक्ति पर सवाल उठ सकते हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर में केवल उन्हीं लोगों को सेवा में रहना चाहिए, जिनकी वहां आस्था है, अन्यथा विवाद खड़ा हो सकता है. उन्होंने इस फैसले को सही बताते हुए कहा कि इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं है, बल्कि यह धार्मिक आस्था का विषय है.
कांग्रेस पार्टी की लगातार हार और दिल्ली विधानसभा चुनाव में संभावित खराब प्रदर्शन को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस नेतृत्व पर सीधा निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में समस्या जमीनी स्तर पर नहीं, बल्कि शीर्ष नेतृत्व में है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं में कोई कमी नहीं है, बल्कि नेतृत्व कमजोर है. उन्होंने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब तक कांग्रेस की कमान उनके हाथ में है, पार्टी को कोई बचा नहीं सकता. उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस को डूबने से बचाना है तो राहुल गांधी को नेतृत्व से हटाना पड़ेगा, लेकिन ऐसा संभव नहीं दिखता, इसलिए कांग्रेस को बचाना भी मुश्किल होगा.
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर अब सभी की नजरें 8 फरवरी पर टिकी हैं, जब चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे. एग्जिट पोल्स के मुताबिक, भाजपा को बहुमत मिलने की संभावना है, जबकि आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है. कांग्रेस के लिए यह चुनाव निराशाजनक साबित हो सकता है, क्योंकि उसे एक भी सीट मिलने की संभावना नहीं जताई जा रही है.
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