नई दिल्ली, 21 फरवरी . उन्नत तकनीक की बढ़ती मांग को पूरा करने और साथ ही अपने ज्ञान को विस्तार देने की सोच के साथ पापुआ न्यू गिनी की एक शिक्षिका सिंथिया चांगौ ने जीवन में कुछ नया सीखने और करने का निर्णय लिया. लेकिन, वह समझ नहीं पा रही थीं कि आखिर उन्हें करना क्या है? सिंथिया 39 साल की हैं और उनके माता-पिता मानुस और पूर्वी सेपिक से हैं. सिंथिया ने अतिरिक्त आय के लिए एक व्यवसाय में उतरने का निर्णय लिया.
वह एक दिन ऑनलाइन सामान खरीदने में रुचि रखने वाले लोगों के लिए प्रशिक्षण आयोजित कर रही थीं. वहां उनकी मुलाकात एक ऐसे व्यक्ति से हुई जिसने उन्हें भारत में सरकार के द्वारा चलाए जा रहे तीन सप्ताह के पाठ्यक्रम के बारे में बताया जिसमें ऑनलाइन आवेदन के जरिए एंटरप्रेनरशिप कोर्स की जा सकती थी.
सिंथिया को यह एक बेहतरीन अवसर दिखा और उसने इसे हाथ से गंवाने का नहीं सोचा और झट उसने पासपोर्ट के लिए आवेदन कर दिया. फिर पासपोर्ट मिलते ही उसने एंटरप्रेनरशिप कोर्स के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया. जिसे दो सप्ताह के भीतर ही स्वीकार कर लिया गया. सिंथिया भारत सरकार के इस एंटरप्रेनरशिप कोर्स के द्वारा जुड़ गईं. जिसे एंटरप्रेनरशिप के बारे में सीखने में रुचि रखने वाले अन्य देशों के लोगों के लिए भी भारत सरकार ने खोल रखा है.
इस कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले के यात्रा, आवास, भोजन और अन्य सभी खर्च का भुगतान भारत सरकार द्वारा किया जाता है. आपको बस एक पासपोर्ट की जरूरत है. इसके बाद वहां स्थित भारतीय दूतावास जाना है जो आपकी यात्रा की व्यवस्था करेगा. वह पोर्ट मोरेस्बी से निकली जहां से भारत की यात्रा का भुगतान भारत सरकार द्वारा किया गया.
सिंथिया अपने भविष्य की योजनाएं पास लेकर घूम रही थी लेकिन विदेश की यात्रा करना उसकी सूची में नहीं था. ऐसे में वह यह मौका चूकना नहीं चाहती थी. वह विभिन्न देशों के 28 प्रतिभागियों में से एकमात्र पापुआ न्यू गिनी से थीं, उसे गुजरात के अहमदाबाद में प्रशिक्षण शिविर में भाग लेना था.
सिंथिया ने यहां भारत में अपना कोर्स पूरा किया और वह स्वदेश लौट गईं तो एंटरप्रेनरशिप में रुचि रखने वाले लोगों के साथ जो भारत में उन्होंने इसको लेकर सीखा है वह ज्ञान और विचार साझा करना चाहती हैं. वह अब लोगों को भारत सरकार के इस कोर्स से जुड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने में मदद कर रही हैं. सिंथिया वर्तमान में पापुआ न्यू गिनी के लाई में नाइन-माइल में बुबिया लूथरन प्राइमरी स्कूल में पढ़ा रही हैं.
उन्होंने 2012 में लोगों को ऑनलाइन चीजें खरीदने के तरीके के बारे में प्रशिक्षित करने का काम शुरू किया था. क्योंकि वह जानती थी कि ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर कई लोगों के पास कौशल की कमी थी.
वह हमेशा भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के उस वक्तव्य के बारे में सोचती रहती थी. जब उन्होंने एक संबोधन के दौरान लोगों को कहा था कि “नागरिकों के पास एक सपना होना चाहिए, और यदि किसी के पास कोई सपना है, तो मैं उस सपने को सच कर दूंगा.”
पीएम मोदी ने लोगों से तब कहा था कि देश से बाहर कच्चा माल भेजने से अच्छा है कि तैयार उत्पाद भेजा जाए क्योंकि हम जब कच्चा माल किसी देश को भेजते हैं तो हम उस देश में रोजगार पैदा करते हैं. अगर वही उत्पाद हम अपने देश में कच्चे माल से तैयार करते हैं तो हम अपने देश के लोगों के लिए रोजगार पैदा कर रहे हैं. सिंथिया ने कहा कि उनके इसी वक्तव्य ने मुझे प्रेरित किया. उसने कहा कि हर किसी को इसी तरह की सोच रखनी चाहिए.
सिंथिया का मानना है कि लोगों को अगर नई चीजें सीखने का मन हो और नवाचार का सपना उसके अंदर हो तो वह किसी भी क्षेत्र में सफल उद्यमी बन सकता है. आप अपने समर्पण, प्रेरणा और कड़ी मेहनत के साथ चीजों को सीखकर इसमें बेहतर और बेहतर कर सकते हैं.
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जीकेटी/