नई दिल्ली, 3 सितंबर . “150 रुपए देगा”, ये डायलॉग सुनते ही फिल्म ‘फिर हेरा फेरी’ के कचरा सेठ याद आ जाते हैं. उन्होंने इस फिल्म में निभाए कचरा सेठ को न सिर्फ अमर कर दिया बल्कि अपनी शानदार एक्टिंग से दर्शकों के दिलों को भी जीता. हम बात कर रहे अपनी कॉमिक टाइमिंग से लोगों के दिलों पर राज करने वाले मनोज जोशी की.
“भूल भुलैया” हो या फिर “फिर हेरा फेरी” या “गोलमाल”, फिल्म भले ही बदल जाए. लेकिन, मनोज जोशी हर एक कॉमेडी का पिक्चर का हिस्सा होते थे. मराठी थिएटर से अपना करियर शुरू करने वाले मनोज जोशी ने गुजराती और हिंदी फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया.
मनोज जोशी का जन्म 3 सितंबर 1965 को गुजरात में हुआ. मनोज ने अपने करियर का आगाज थिएटर से किया, लेकिन जल्द ही उन्होंने फिल्मों का रुख कर लिया. साल 1999 में आई आमिर खान की फिल्म “सरफरोश” में वह एक पुलिस वाले के किरदार में नजर आए. बाद में उन्होंने ‘चांदनी बार’, ‘अब के बरस’, ‘देवदास’ में भी अहम भूमिका निभाई. मगर इन फिल्मों से उन्हें वो पहचान नहीं मिल पाई.
साल था 2006 और फिल्म थी “फिर हेरा फेरी”, मनोज जोशी ने इस फिल्म में कचरा सेठ का किरदार निभाया. उनकी कॉमिक टाइमिंग और डायलॉग इतने शानदार थे कि दर्शकों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया और उन्हें नई पहचान मिली. इसके बाद उन्होंने गोलमाल, चुप चुप के, भागम भाग, विवाह, हमको दीवाना कर गये, गुरु, भूल भुलैया और मेरे बाप पहले आप समेत कई फिल्मों में अहम भूमिका निभाई.
उन्होंने 1998 से अब तक 60 से अधिक फिल्मों में भी अभिनय किया है. कई टीवी सीरियल भी किए, जिनमें चाणक्य, एक महल हो सपनों का, राऊ (मराठी), संगदिल, कभी सौतन कभी सहेली, खिचड़ी (कभी-कभार) शामिल हैं.
एक्टर मनोज जोशी ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग जगह बनाई. मनोज को उनकी एक्टिंग के लिए पद्मश्री और नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. वह बॉम्बे आर्ट सोसाइटी के उपाध्यक्ष भी हैं.
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एफएम/केआर