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New Delhi, 20 नवंबर . आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में वात का बढ़ना, तनाव, नींद की कमी और ज्यादा स्क्रीन टाइम जैसी चीजें आम हो गई हैं, जो सिरदर्द का कारण भी बन जाता है. यह आपके पूरे दिन का काम बिगाड़ सकता है. इससे राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय काफी कारगर साबित होते हैं.
सबसे आसान तरीका है घी से माथे की मालिश. हल्का गर्म गाय का घी लेकर माथे और कनपटियों पर दो-तीन मिनट धीरे-धीरे मालिश करें. इससे तनाव कम होता है और खिंचाव तुरंत ढीला पड़ता है. इसके साथ लौंग का लेप भी बहुत कारगर है. कुछ लौंग पानी में घिसकर पतला लेप बनाएं और माथे पर लगाएं. यह हल्की गर्माहट पैदा करता है, जिससे भारीपन और दबाव वाली फीलिंग कम हो जाती है.
अगर सिर भारी-भारी लग रहा हो तो अदरक की भाप काफी राहत देती है. अदरक को पानी में उबालकर पांच मिनट भाप लें. इससे कई लोगों को माइग्रेन शुरू होने से पहले ही राहत मिल जाती है. बार-बार सिरदर्द हो तो आयुर्वेद में नस्य को बहुत प्रभावी माना गया है. सुबह खाली पेट अणु तेल या षडबिन्दु तेल की 1–2 बूंद नथुनों में डालने से साइनस की जकड़न, नसों का तनाव और सूखापन कम होता है, लेकिन यह तरीका किसी जानकार वैद्य की सलाह से ही अपनाएं.
आपकी कई खराब आदतें सिरदर्द को बढ़ाती हैं, जैसे ठंडी हवा में देर तक रहना, देर रात जागना, खाली पेट रहना, बहुत तेज रोशनी या लगातार मोबाइल चलाना. इसलिए कोशिश करें कि नींद पूरी लें और स्क्रीन टाइम थोड़ा कम करें.
खुराक भी सिरदर्द पर बड़ा असर डालती है. इसलिए हमेशा हल्का, ताजा और संतुलित भोजन रखें. मूंग दाल, घी, गुनगुना दूध, फल और बादाम का सेवन भी फायदेमंद होता है. बहुत ठंडा पानी, तला खाना, ज्यादा चाय-कॉफी और खाली पेट रहना सिरदर्द को और बढ़ा देता है, लेकिन इन्हें लेने से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
अगर रोशनी से दर्द बढ़ता हो, उलटी जैसा लगे, आवाजें परेशान करें या चक्कर महसूस हो तो यह माइग्रेन का संकेत हो सकता है. वहीं, रोजाना सिरदर्द होना आयरन की कमी, साइनस, बीपी या सर्वाइकल की वजह से भी हो सकता है. ऐसे में जांच जरूरी है.
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पीआईएम/वीसी