ग्रेटर नोएडा, 29 नवंबर . ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में पानी की बर्बादी रोकने के लिए अल्ट्रासोनिक वाटर मीटर लगाने का निर्णय लिया है. जल विभाग ने इस योजना पर काम भी शुरू कर दिया है.
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर- 1 स्थित वेलेंसिया होम्स और सेक्टर 10 स्थित अरिहंत सोसायटी में वाटर मीटर लगाया गया है. एक माह तक ट्रायल चलेगा. ट्रायल सफल रहने पर इसे अन्य सोसायटी में भी लगाया जाएगा. इस मीटर को डीआरडीओ और आईआईटी चेन्नई ने मिलकर तैयार किया है.
दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगातार भूजल स्तर गिर रहा है. इसी कड़ी में गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण लगातार प्रयास कर रहा है. प्राधिकरण सिंचाई के लिए एसटीपी के पानी का इस्तेमाल कर रहा है. गंगाजल से पेयजल आपूर्ति की जा रही है. अब मीटर लगाकर पानी की बर्बादी रोकने के लिए कदम बढ़ाया गया है.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने जल विभाग को निर्देश दिए हैं कि पानी की बचत के लिए सभी बल्क वाटर यूजर्स (ग्रुप हाउसिंग सोसायटी) के यहां पानी के मीटर लगाए जाएं. ग्रेटर नोएडा में 300 से अधिक सोसायटी हैं. फिलहाल, वेलेंसिया होम्स व अरिहंत सोसायटी में यह अल्ट्रासोनिक वाटर मीटर लगाया गया है. एक महीने के परीक्षण के बाद इसे अन्य सोसायटी में लगाने का निर्णय लिया जाएगा.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि मीटर बैटरी से चलेंगे. इसमें सिम कार्ड सेंसर लगा होगा, जिससे रियल टाइम डाटा प्राधिकरण को प्राप्त हो सकेगा, जिससे रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी. इसे डीआरडीओ और आईआईटी चेन्नई ने मिलकर तैयार किया है.
इसे “धारा” नाम की कंपनी लगा रही है. इससे पानी के खर्च के हिसाब से बिल भी प्राप्त हो सकेगा. इससे लोग पानी जरूरत के हिसाब से खर्च करेंगे. पानी की बर्बादी रुकेगी. अभी एरिया के हिसाब से पानी का बिल जमा होता है. इससे पहले भी वाटर मीटर लगाने का प्लान बना था. लेकिन, मीटर को बिजली कहां से मिलेगी, यह परेशानी सामने आ रही थी.
वहीं, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने ग्रेटर नोएडा वासियों से पानी की बचत करने की अपील की है.
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पीकेटी/एबीएम/एएस