नई दिल्ली, 3 मई पूर्व क्रिकेटर राशिद लतीफ सीनियर पुरुष टीम को सेना शिविर में प्रशिक्षण के लिए भेजने के पीछे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की सोच के समर्थन में सामने आए हैं.
पीसीबी ने टी20 विश्व कप 2024 से पहले पुरुषों की राष्ट्रीय टीम के प्रशिक्षण के लिए एक अनूठा तरीका अपनाया था. बाबर आजम की अगुवाई वाली टीम ने काकुल में आर्मी स्कूल ऑफ फिजिकल ट्रेनिंग में प्रशिक्षण लिया.
2023 में एकदिवसीय विश्व कप के दौरान टीम के फिटनेस मानकों के बारे में पीसीबी में शिकायतें उठाए जाने के बाद पाकिस्तान टीम को कठिन प्रशिक्षण सत्र से गुजरना पड़ा.
इसे नेटिज़न्स से नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, लोगों ने इसका मज़ाक उड़ाया. हालांकि राशिद लतीफ ने पीसीबी के इस कदम की सराहना की.
पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज ने से एक विशेष बातचीत में कहा, “देखिए टीम की हालत बहुत अच्छी नहीं लग रही थी… टीम के अंदर थोड़ा तनाव दिख रहा था, उन्हें सेना के एक प्रशिक्षण शिविर में एक साथ रहने का मौका मिला. लाहौर या कराची में कोई कैंप होता तो सब मोबाइल पर रहते. जब दिन खत्म हो जाता था, तो वे अपने कमरे में चले जाते थे, अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे और सुबह फिर आ जाते थे. ”
“अब कोई मोबाइल फोन नहीं था, कोई ध्यान भटकाने वाला नहीं था और सभी को सेना के प्रशिक्षण में एक साथ रहना पड़ता था, जिससे खिलाड़ियों के बीच संबंध बनाने में मदद मिली.
उन्होंने कहा,“मैं इस बात से सहमत हूं कि क्रिकेट-विशिष्ट प्रशिक्षण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. लेकिन वजह ये थी कि शायद टीम को किसी तरह का तनाव था और इसीलिए उन्हें उस ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था, टीम बॉन्डिंग को बेहतर बनाने के लिए. ”
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