कोच्चि, 14 जून . कुवैत अग्निकांड में मारे गए भारतीयों के शव शुक्रवार को वापस लाए गए. जब मरने वालों के शव कोच्चि हवाई अड्डे पहुंचे तो वहां का माहौल गमगीन हो गया.
हवाई अड्डे पर पहले कभी न देखा गया यह ब्लैक फ्राइडे था.
एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने बताया, “शुक्रवार को एयरपोर्ट पर हर कोई शोक में था और सभी की आंखों से आंसू थे. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि एक ही समय में इतने सारे शव आए. यह असहनीय है.”
भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, “चूंकि इन शवों को ‘कार्गो’ माना जाता है, इसलिए हमने सुबह-सुबह विभिन्न विभागों के सभी हितधारकों की बैठक की. हमने लगभग 15 से 20 मिनट में शवों को हटाने का फैसला किया. 45 शवों के लिए सीमा शुल्क, माइग्रेशन और स्वास्थ्य संबंधी मंजूरी जल्दी ही दे दी जाएगी और इनमें से 31 को यहां सौंप दिया जाएगा. एक विशेष क्षेत्र निर्धारित किया गया था, जहां श्रद्धांजलि देने के लिए 31 शव रखे गए थे. प्रत्येक शव को संबंधित घरों तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस दी गई.”
बाकी शवों को लेकर भारतीय वायुसेना का विशेष विमान दिल्ली के लिए रवाना हुआ.
जैसे ही विमान कोच्चि हवाई अड्डे पहुंचा वहां लोगों की चीख-पुकार मच गई. माता-पिता, बच्चे, पति-पत्नी और अन्य रिश्तेदार भावुक हो गए.
कुवैत में इसी कंपनी में काम करने वाले एक पिता खुद को नियंत्रित नहीं कर पाए, उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने अपने बेटे को उसी कंपनी में भेज दिया था.
उन्होंने रोते हुए कहा, “मेरा बेटा पिछली बार जनवरी में अपनी सास के निधन के बाद यहां आया था और अब मैं उसका शव लेने आया हूं.”
कोट्टायम के पंपडी के रहने वाले 29 वर्षीय स्टेफिन अब्राहम एक इंजीनियर थे और पिछले छह सालों से कुवैत में काम कर रहे थे.
उनके रिश्तेदार ने भावुक मन से कहा, “उनका नया घर लगभग बनकर तैयार हो चुका है. वे कुछ महीने पहले अपने घर को अंतिम रूप देने के लिए यहां आए थे. हम इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. यही जिंदगी है.”
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी कोच्चि हवाई अड्डे पर मौजूद थे, और वह भी 31 शवों को लेने के लिए इंतजार कर रहे थे.
नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी, विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन, राज्य के कैबिनेट मंत्री और सैकड़ों आम लोग भी मौजूद थे.
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एमकेएस/